यमुनानगर में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (HSRLM) के तहत छछरौली ब्लॉक में कार्यरत स्वयं सहायता समूह की सेविकाओं ने उनके मानदेय के भुगतान में गड़बड़ी का आरोप लगाया है।समूह से जुड़ी महिलाएं बुधवार को लघु सचिवालय पहुंच एडीसी नवीन आहुजा से मिलीं।
उनका कहना है कि उन्हें 2024-25 का मानदेय अभी तक नहीं मिला है, जबकि रिकॉर्ड में उनका भुगतान जिला कार्यालय से स्वीकृत होकर उत्साह महिला क्लस्टर लेवल फेडरेशन, खदरी को भेजा जा चुका है। प्रत्येक स्वयं सेविका का तकरीबन 35 से 40 हजार रुपए मानदेय बकाया है। कलस्टर में आए पैसे, लेकिन खाते में नहीं महिलाओं को साथ लेकर पहुंचे मिशन में कार्यरत डेटा एंट्री ऑपरेटर करण अरोड़ा ने इस मामले को उजागर करते हुए बताया कि उन्होंने इस मुद्दे पर छछरौली की ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर मोहन लता से बात की, तो उन्हें जवाब मिला कि इन महिलाओं ने कोई काम नहीं किया, इसलिए उनका मानदेय रोका गया। हालांकि, कंप्यूटर सिस्टम की जांच में पता चला कि मानदेय की राशि क्लस्टर फेडरेशन तक पहुंच चुकी है, लेकिन यह महिलाओं के खातों में नहीं भेजी गई। महिलाओं ने आरोप लगाया कि ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर द्वारा यह राशि हड़प ली गई है। रिजाइन करके जा चुकी महिला का भी आया मानदेय इसके अलावा, मोहन लता पर अपनी करीबी 3-4 महिलाओं को विशेष लाभ देने और अन्य महिलाओं को मिशन की योजनाओं व कार्यों से वंचित रखने का भी आरोप लगाया। कर्ण ने बताया कि एक महिला जोकी 2023 में रिजाइन दे गई थी और वर्तमान में अस्पताल में कार्यरत है। उसका गलत तरीके से 2023-24 का मानदेय मंगवाया हुआ है। यह सारा मानदेय कलस्टर खाते में आ चुका है। इस दौरान समाजसेवी चिराग सिंघल ने एक अन्य घटना का जिक्र किया। बताया कि 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैल गांव दौरे के लिए छछरौली से 50-50 महिलाओं के समूह को भेजने की व्यवस्था थी। 18-20 महिलाओं की बजाय 50 महिलाओं की दिखाई उपस्थिति इसके लिए बसों और भोजन का प्रबंध ब्लॉक स्तर पर किया गया था। आरोप है कि प्रत्येक बस में केवल 18-20 महिलाएं ही थीं, जबकि बिल में 50 महिलाओं की उपस्थिति दिखाई गई। करण अरोड़ा, जिनकी इस कार्यक्रम में ड्यूटी थी, ने इस धांधली की पुष्टि की। महिलाओं का कहना है कि इस मामले को लेकर वे 23 मई को भी उन्होंने अतिरिक्त उपायुक्त (ADC) से मुलाकात की थी। उन्होंने चार दिनों में कार्रवाई का आश्वासन दिया था। लेकिन 10 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया। आज बुधवार को फिर महिलाएं एडीसी से मिलने पहुंचे, लेकिन महिलाओं का आरोप है कि उनकी बात को गंभीरता से नहीं सुना गया। इस दौरान समूह से जुड़ी महिलाएं सुष्मा, लक्ष्मी, कमलेश, पूजा और सुखजीत उपस्थित रहीं।
यमुनानगर में स्वयं सहायता समूह के मानदेय में धांधली:महिलाओं बोलीं- रिकॉर्ड में पैसे आए लेकिन खाते में नहीं, एडीसी से शिकायत
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