बीजेपी के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) परिणय फुके अपने विवादास्पद बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं, जिसमें उन्होंने खुद को भंडारा जिले में शिवसेना का ‘पिता’ बताया था. अब फुके ने सफाई देते हुए माफी मांग ली है और कहा कि उनका ऐसा कोई इरादा नहीं था जिससे गठबंधन सहयोगी शिवसेना की भावनाएं आहत हों.
तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया बयान- फुके
फुके ने इस मामले में एक बयान जारी कर कहा, “मेरा इरादा वह कहने का नहीं था, जो बताया गया है. मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. अगर मेरे बयान से शिवसेना के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं.”
दरअसल, भंडारा में सहकारी क्षेत्र के चुनावों के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं की एक सभा में फुके ने ये बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि वे जिले में शिवसेना के ‘पिता’ हैं. इसके बाद शिंदे गुट की शिवसेना ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी और फुके से बयान वापस लेने और माफी की मांग की थी. इतना ही नहीं, पार्टी ने चेतावनी भी दी थी कि अगर माफी नहीं मांगी गई तो शिवसेना शैली में जवाब दिया जाएगा.
फुके ने अपनी सफाई में आगे कहा, “बीजेपी सभा के दौरान मेरे बयान के कारण गलतफहमी हुई है. मेरा इरादा हमारे गठबंधन सहयोगी को अपमानित करने का कभी नहीं था. अगर मेरे शब्दों से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं हृदय से खेद व्यक्त करता हूं.”
बयान को लेकर शिवसेना में गुस्सा
इस पूरे विवाद के बीच शिवसेना के दो वरिष्ठ मंत्री उदय सामंत और संजय शिरसाट ने भी फुके के बयान की कड़ी आलोचना की थी. शिरसाट ने तो यह तक कह दिया कि, ‘शिवसेना का एकमात्र पिता बालासाहेब ठाकरे हैं.’
इस बयान के बाद गठबंधन में तनाव की स्थिति बन गई थी, लेकिन फुके की माफी के बाद मामला थोड़ा शांत होता नजर आ रहा है. हालांकि, राजनीतिक गलियारों में इस बयान को लेकर काफी चर्चा है और यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी और शिवसेना के रिश्तों पर इसका कोई लंबे समय तक असर पड़ता है या नहीं.
Maharashtra: ‘शिवसेना के पिता’ वाले बयान पर परिणय फुके ने मांगी माफी, कहा- ‘उनका ऐसा कोई…’
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