Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक अंजाम देने के बाद अब जम्मू कश्मीर में छिपे आतंकियों को जहन्नुम पहुचाने के लिए पूर्व सैनिकों ने सरकार से बड़ी मांग की है. जम्मू में पूर्व सैनिकों ने उन्हें बतौर विलेज डिफेंस गार्ड्स अपनी सेवाएं देने के लिए रक्षा मंत्री को चिट्ठी लिखी है. जम्मू कश्मीर में जहां आतंकवाद से जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बल लगातार ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं, वही इन आतंकियों के खिलाफ जम्मू कश्मीर में गठित विलेज डिफेंस गॉड्स भी अपनी भूमिका निभाते हैं.
जम्मू कश्मीर में विलेज डिफेंस गॉड्स दरअसल लोगों के उस समूह को कहा गया जाता है जो प्रदेश की सीमावर्ती और आतंकवाद ग्रस्त इलाकों में आतंकियों पर नजर रखने और उन्हें देखते ही इंगेज करने और समय पर सुरक्षा बलों को सूचित करने के लिए तैनात किया गया है. जम्मू कश्मीर में बनाए गए इन विलेज डिफेंस गॉड्स में सीमावर्ती और संवेदनशील इलाकों में रहने वाले गांव वालों को हथियार देकर आतंक के खिलाफ एक फोर्स बनाई गई है.
क्या है ग्राम रक्षा गार्ड?
ग्राम रक्षा गार्ड (वीडीजी), जिन्हें पहले ग्राम रक्षा समितियों के रूप में जाना जाता था. ये दरअसल एक नागरिक मिलिशिया है, जिसे पहली बार 1990 के दशक के मध्य में जम्मू और कश्मीर में स्थानीय लोगों, विशेष रूप से अल्पसंख्यकों जिनके हिंदुओं, सिखों और मुसलमानों के कमज़ोर वर्ग की आत्मरक्षा के लिए दूरदराज के पहाड़ी गांवों में उग्रवाद के खिलाफ स्थापित किया गया था. वीडीजी को विशेष रूप से पाकिस्तान से नियमित रूप से घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों का सामना करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. इस मिलिशिया ने पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है, जिससे इन आतंकवादियों की तरफ से की जाने वाली नापाक कोशिशों को नाकाम किया जा सकता है.
जम्मू कश्मीर में पूर्व सैनिकों की मांग
जम्मू कश्मीर में पूर्व सैनिकों ने अब सरकार से मांग की है कि उन्हें इन विलेज डिफेंस गॉड्स में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए. जम्मू कश्मीर एक्स सर्विसमैन लीग के प्रधान लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) आरके शर्मा ने एबीपी न्यूज़ को बताया है कि उन्होंने एक्स सर्विसमैन लीग की तरफ से जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को चिट्ठी लिखकर विलेज डिफेंस गॉड्स में पूर्व सैनिकों की 50 प्रतिशत आरक्षण देने की बात लिखी है. आरके शर्मा ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब जब आतंकवाद को पूर्णता को चलने की बात सामने आ रही है तो ऐसे में पूर्व सैनिकों को बतौर विलेज डिफेंस गार्ड तैनात करने का यह सही समय है.
पूर्व सैनिकों ने कई ऑपरेशन को अंजाम दिया
एक्स सर्विसमैन लीग के प्रधान लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) आरके शर्मा ने कहा कि पूर्व सैनिक जम्मू कश्मीर की भौगोलिक स्थितियों से भली भांति परिचित है बल्कि सेना में रहते उन्होंने कई ऑपरेशंस को अंजाम दिया है और उन्हें आतंक से लड़ने की बाकायदा ट्रेनिंग मिली है. उन्होंने कहा कि फिलहाल गांव के आम नागरिकों को ही विलेज डिफेंस गॉड्स में भर्ती किया जाता है, लेकिन अगर इसमें पूर्व सैनिक जुड़ जाते हैं तो आतंक के खिलाफ जारी मुहिम को और ज्यादा ताकत मिलेगी.
पूर्व सैनिकों की एक लंबी सूची
आरके शर्मा ने बताया कि उनके पास पूर्व सैनिकों की एक लंबी सूची है जो देश रक्षा में बतौर विलेज डिफेंस गार्ड अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार खड़े हैं.उन्होंने कहा कि यह पूर्व सैनिक न केवल हथियार चलाना जानते हैं बल्कि वह यह रणनीति भी जानते हैं कि आतंकवादियों को कब और कहां और कैसे जवाब देना है.वहीं पूर्व सैनिकों का दावा है कि अगर उन्हें यह मौका मिलता है तो वह देश सेवा के लिए बतौर विलेज डिफेंस गार्ड भी अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हैं.उन्होंने कहा कि वह जहां रहते हैं उन्हें उन इलाकों के बारे में जानकारी तो है ही साथ में वह हथियार चलाना और आतंक के खिलाफ लड़ाई कैसे लड़ी जाती है इससे भी अच्छी तरह परिचित है.