Shashi Tharoor on Operation Sindoor: पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों द्वारा पहलगाम में किए गए हमले के ठीक बाद भारत ने जो सैन्य कार्रवाई की उससे सीमा पार भी सख्त संदेश गया. इस निर्णायक कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर का नाम दिया गया था. अब इसी ऑपरेशन की गूंज अमेरिका तक पहुंच चुकी है, जहां कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने दुनिया को बताया कि यह सिर्फ गोलियों और बमों का जवाब नहीं था बल्कि उन 26 महिलाओं के माथे से मिटाए गए सिंदूर का बदला था.
शशि थरूर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जोरदार बचाव करते हुए कहा कि इसका नाम न केवल प्रतीकात्मक रूप से प्रभावशाली है, बल्कि भावनात्मक रूप से भी गूंज पैदा करता है. वॉशिंगटन डीसी के नेशनल प्रेस क्लब में अपने संबोधन के दौरान थरूर ने कहा, “सिंदूर हिंदू परंपरा में विवाहित महिलाओं के माथे पर लगाया जाने वाला शुभ चिह्न है. आतंकवादियों ने 26 भारतीय महिलाओं के माथे से वह सिंदूर मिटा दिया और हमने उसी का बदला लिया है.”
‘सिंदूर का बदला खून’
थरूर ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “जैसे हिंदी में कहते हैं ‘खून का बदला खून’, वैसे ही यह था ‘सिंदूर का बदला खून’.” उनका यह बयान अमेरिका में भारत की राजनयिक रणनीति का हिस्सा था जहां ऑल पार्टी डेलीगेशन दुनियाभर में भारत के खिलाफ आतंकवाद पर समर्थन जुटा रहा है.
11 पाकिस्तानी एयरफील्ड पर भारत के हमले का दावा
थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर की प्रभावशीलता पर भी विस्तार से बात की. उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के 11 सैन्य एयरबेस पर हमले किए और पाकिस्तानी वायुसेना की क्षमताओं को गंभीर नुकसान पहुंचाया. उन्होंने कहा,”पाकिस्तान ने खुद सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि भारत के हमले हैदराबाद (सिंध) से लेकर पेशावर तक फैले थे.”
सेटेलाइट इमेज में दिखे तबाह रनवे और कमांड सेंटर्स
कांग्रेस सांसद ने यह भी बताया कि व्यावसायिक रूप से उपलब्ध सैटेलाइट इमेजरी में कई रनवे पर बड़े-बड़े गड्ढे और ध्वस्त कमांड सेंटर्स देखे जा सकते हैं. भारत की यह कार्रवाई संयमित होने के साथ-साथ सशक्त संदेश देने वाली थी.
अमेरिकी सांसदों को भी दी गई ब्रीफिंग
ऑपरेशन सिंदूर और भारत के आतंकवाद विरोधी दृष्टिकोण पर जानकारी देने के लिए भारत के सांसदों ने अमेरिकी कांग्रेस के द्विदलीय इंडिया कॉकस के सदस्यों को भी ब्रीफ किया. इसमें रो खन्ना और रिच मैककॉर्मिक जैसे सह-अध्यक्ष शामिल थे.
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया था. यह सैन्य कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले की जवाबी कार्रवाई थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी.