करनाल में किसानों ने सरकार को घेरने की तैयारियां शुरू कर दी है। 13 अगस्त को देशभर में जिला मुख्यालयों पर रोष स्वरूप निकाली जाने वाली ट्रैक्टर रैलियों को प्रभावी बनाने के लिए भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के कार्यकर्ताओं ने गांवों में किसानों की बैठकों को आयोजित करने का सिलसिला शुरू कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा भारत (एसकेएम) के आह्वान पर किसानों की लंबित मांगो को लेकर 13 अगस्त को जिला मुख्यालयों पर कॉर्पोरेट भारत छोड़ो की नारेबाजी करने के साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पीएम नरेंद्र मोदी के पुतले फूंक कर ट्रैक्टर रैलियां व रोष मार्च भी निकाला जाएगा। इसी सिलसिले को लेकर शनिवार की सुबह सवेरे करनाल विकासखंड के गांव शेखुपुरा जांगीर की जाट चौपाल में बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में भाकियू नेता महताब कादियान व सुरेंद्र सांगवान ने प्रमुख तौर पर शिरकत की। एकजुट संघर्ष ही सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ एकमात्र विकल्प- किसान नेता
बैठक का संचालन कार्यालय सचिव राजकुमार नौतना ने किया। किसान नेताओं ने बैठक में उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में चले किसान आंदोलन ने यह दिखा दिया है कि संगठित किसान आंदोलन के बिना सरकार पर दबाव नहीं बनाया जा सकता। अब भी किसान-श्रमिकों का एकजुट संघर्ष ही सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ एकमात्र विकल्प है। किसान नेताओं ने 13 अगस्त को अपने अपने ट्रैक्टर ज्यादा से ज्यादा संख्या में लेकर रोष मार्च में शामिल होने की जोरदार अपील की। जिसका किसानों ने हाथ उठा कर समर्थन किया। बैठक में किसानों ने करीब 80 ट्रैक्टरों की रोष मार्च में शामिल होने की सूचि तैयार की। किसानों की प्रमुख मांगे है: एमएसपी पर खरीद गारंटी का कानून बनाया जाए, स्मार्ट मीटर न लगाए जाए, कृषि भूमि को सस्ते में जबरन अधिग्रहण न किया जाए, लैंड पूलिंग व शामलात भूमि को खुर्द-बुर्द करने, 10 साल पुराने ट्रैक्टरों पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रतिबंध लगाना, गरीबों की बस्तियों व झुग्गी झोपड़ियों को उजाड़ने बारे, बुलडोजर राज खत्म किया जाए। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने, फैक्ट्रियों के प्रदूषण जैसी समस्याओं से निजात दिलाने, शिक्षा की क्वालिटी में सुधार, किसान मजदूरों को कर्ज मुक्त करने बारे सहित कई स्थानीय मुद्दे भी शामिल रहेंगे।
करनाल में 13 अगस्त को किसानों का ट्रैक्टर मार्च:80 ट्रैक्टरों की सूची तैयार, कॉर्पोरेट घरानों से नाराज
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