सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में श्रावस्ती नंबर 1, टॉप 10 में शाहजहांपुर, अमेठी, हमीरपुर भी

by Carbonmedia
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योगी आदित्यनाथ सरकार जनता की शिकायतों को गंभीरता से लेकर उनका जल्द निस्तारण करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद जनसुनवाई और शिकायत निस्तारण की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. इसका सीधा असर प्रदेश के हर जिले में देखने को मिल रहा है. मई महीने की रिपोर्ट में श्रावस्ती जिले ने इस मामले में बाजी मारते हुए पूरे प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है.


आईजीआरएस (इंटिग्रेटेड ग्रिवांस रीड्रेसल सिस्टम) और सीएम डैशबोर्ड के जरिए हर जिले की शिकायतों के निस्तारण की रैंकिंग तैयार होती है. इस रैंकिंग में श्रावस्ती ने 97.86% शिकायतों का निस्तारण कर सबसे ऊपर जगह बनाई है. वहीं शाहजहांपुर ने दूसरा और अमेठी ने तीसरा स्थान पाया. रिपोर्ट के मुताबिक हमीरपुर और अंबेडकरनगर ने भी अच्छा प्रदर्शन करते हुए चौथा और पांचवां स्थान हासिल किया.


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श्रावस्ती के जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि जिले में रोज सुबह 10 बजे जनसुनवाई होती है. फिर शाम 5 बजे लंबित मामलों की समीक्षा होती है. रात 9 बजे असंतुष्ट शिकायतों की दोबारा जांच होती है. यह व्यवस्था मुख्यमंत्री के निर्देश पर लागू की गई है ताकि कोई भी शिकायत बिना निस्तारण के न रहे. उन्होंने कहा कि हर विभाग के अफसरों को जनशिकायतों को प्राथमिकता देने के लिए कहा गया है. नोडल अधिकारियों को भी इन शिकायतों की गुणवत्ता पर नजर रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसी वजह से श्रावस्ती लगातार टॉप-5 जिलों में बना हुआ है.


कौन से जिले टॉप 10 में?
मई की रिपोर्ट के मुताबिक, श्रावस्ती ने 140 में से 137 अंक हासिल किए. शाहजहांपुर ने 95.71% निस्तारण दर के साथ दूसरा स्थान पाया. अमेठी ने 94.29% निस्तारण के साथ तीसरा, हमीरपुर ने चौथा और अंबेडकरनगर ने पांचवां स्थान हासिल किया. वहीं हाथरस, आजमगढ़, चंदौली, मैनपुरी और सिद्धार्थनगर भी टॉप-10 में शामिल हुए.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फोकस हमेशा जनता की समस्याओं का समय से समाधान करने पर रहा है. यही वजह है कि आईजीआरएस और सीएम डैशबोर्ड जैसे प्लेटफॉर्म को मजबूती से लागू किया गया है. इन माध्यमों के जरिए हर जिले की शिकायतों पर नजर रखी जाती है और अफसरों को सख्त निर्देश दिए जाते हैं कि शिकायतें समय पर निपटें और समाधान भी ऐसा हो कि जनता संतुष्ट हो जाए.


गौरतलब है कि योगी सरकार ने 2017 में सत्ता संभालने के बाद से ही जनता की शिकायतों को हल करने के लिए कई कदम उठाए. मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 को भी इसी उद्देश्य से शुरू किया गया था. अब डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे आईजीआरएस और सीएम डैशबोर्ड से हर शिकायत पर नजर रखी जा रही है.


यहां तक कि जिलों के बीच इस रैंकिंग को लेकर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा भी शुरू हो गई है. जिलों को बेहतर काम करने की होड़ है, जिससे सीधा फायदा प्रदेश की जनता को मिल रहा है. मुख्यमंत्री का मानना है कि हर नागरिक की समस्या का समयबद्ध, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण समाधान ही असली जनसेवा है. इसी सोच के साथ सरकार जनसुनवाई को सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि समाधान की असली पहचान बना रही है.

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