Himanta Biswa Sarma: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की ओर से प्रधानमंत्र नरेंद्र मोदी को सरेंडर मोदी कहने को लेकर बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि मैं याद दिलाता हूं कि किस पार्टी और परिवार ने भारत के हित और भू-भाग को सरेंडर किया है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की बड़ी सफलता के बावजूद राहुल गांधी ने पीएम मोदी का मजाक उड़ाने की हिम्मत की है.
’पंडित नेहरू ने पीओके को जाने दिया'
उन्होंने कहा, “पंडित नेहरू ही थे जिन्होंने कश्मीर संघर्ष के दौरान संयुक्त राष्ट्र में जाकर हमारी आगे बढ़ती सेना को रोका और जिसे हम अब पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर कहते हैं. उन्होंने पाकिस्तान को पीओके उपहार दे दिया. उस समय सेना की जीत की बलि दे दी गई.”
असम के सीएम ने अक्साई चीन का जिक्र करते हुए लिखा, “1962 में बिना गोली चलाए 38,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र चीन को सौंप दिया गया. जब चीन ने असम को धमकाया तो तत्कालीन पीएम नेहरू की एकमात्र प्रतिक्रिया क्या थी कि असम के लोगों के लिए मेरी संवेदनाएं. पूरे पूर्वोत्तर को भाग्य भरोसे पर छोड़ दिया गया था.”
1971 के युद्ध के बाद इंदिरा गांधी के पास 93,000 पाकिस्तानी सैनिक थे, लेकिन उस ताकत का इस्तेमाल करके पीओके को वापस पाने या क्षतिपूर्ति हासिल करने के बजाय उन्होंने उन्हें खाली हाथ रिहा कर दिया. एक ऐतिहासिक सैन्य जीत बातचीत की मेज पर बर्बाद हो गई.”
’26/11 मुंबई आतंकी हमले पर चुप रही सरकार'
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने लिखा, “साल 1995 में पूरी तैयारी के बावजूद कांग्रेस सरकार ने अमेरिकी दबाव में भारत के परमाणु परीक्षण को टाल दिया. आखिरकार 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भारत को एक घोषित परमाणु शक्ति बनाया गया. 26/11 मुंबई आतंकी हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों की ओर से 166 निर्दोष भारतीयों की हत्या के बाद कांग्रेस ने क्या किया? कोई प्रतिक्रिया नहीं..कोई न्याय नहीं…कोई जवाबदेही नहीं, बस चुप्पी.”
’पिछले दरवाजे से कांग्रेस ने पाकिस्तान को खुश किया'
असम के मुख्यमंत्री ने कहा, “कांग्रेस ने सीमाओं को नरम करने के लिए गुप्त वार्ता की. पाकिस्तान को पिछले दरवाजे से खुश किया गया और भारतीय जनता से समझौते को छिपाए गए. कूटनीति के नाम पर विश्वासघात हुआ. चीनी घुसपैठ पर कांग्रेस चुप रही. आज यही कांग्रेस सर्जिकल स्ट्राइक का विरोध करती है, बालाकोट एयरस्ट्राइक पर सवाल उठाती है, सशस्त्र बलों को बदनाम करती है, भारत के अंदर दुश्मन का दुष्प्रचार फैलाती है. एक मजबूत, निर्णायक प्रधानमंत्री को सरेंडर मोदी” कहकर अपमानित करने की हिम्मत करती है.”