कीमती धातुओं पर प्रतिबंध का असर, स्विफ्ट का प्रोडक्शन रुका:BMW-मर्सिडीज जैसे ब्रांड्स भी प्रभावित, अगले हफ्ते भारतीय दल जाएगा चीन

by Carbonmedia
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चीन की ओर से कीमती धातुओं (रेयर अर्थ मटेरियल) के एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगाने का सीधा असर दुनिया की ऑटो इंडस्ट्री पर दिखने लगा है। मारुति सुजुकी की पैरेंट कंपनी सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन ने जापान में अपने पॉपुलर मॉडल स्विफ्ट का प्रोडक्शन रोकने का एलान किया है। वहीं, यूरोप और जापान की कई ऑटो कंपनियों ने प्रोडक्शन रोक दिया है या कभी भी रोकने की स्थिति में आ गई हैं। इसमें फोर्ड, निसान, BMW और मर्सिडीज जैसी कंपनियां शामिल हैं। इसका असर भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर पर भी पड़ेगा। इसलिए अगले हफ्ते एक भारतीय दल चीन जाएगा। ऑटो पार्ट्स की कमी से प्रोडक्शन रोकना पड़ रहा हालांकि, मर्सिडीज और BMW जैसी कंपनियां सीधे तौर पर दुर्लभ धातुओं का स्रोत नहीं बनाती हैं, लेकिन उनके टियर-1 सप्लायर्स इन धातुओं का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक मोटरों और हाइब्रिड सिस्टम में करते हैं। इससे उन्हें कंपोनेंट्स की कमी का सामना करना पड़ता है। अगले हफ्ते चीन जाएगा भारतीय डेलिगेशन
भारत अगले हफ्ते चीन में ऑटो इंडस्ट्री का एक हाई लेवल डेलिगेशन भेजेगा, जिसमें सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (Siam) और ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Acma) के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह दल चीन के अधिकारियों से रेयर अर्थ मटेरियल के शिपमेंट के लिए तेजी से मंजूरी देने के लिए बातचीत करेगा, जो ऑटोमोटिव इंडस्ट्री के लिए जरूरी हैं। वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय बीजिंग में भारतीय दूतावास के जरिए सप्लाई की समस्याओं को हल करने में जुटे हैं। चीन की पाबंदियां बनी रहीं, तो महंगी होंगी ईवी अगर चीन की पाबंदियां बनी रहीं, तो ग्लोबल लेवल पर इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियों पर इसका असर देखने को मिलेगा। कच्चे माल की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे गाड़ियों के दाम भी ऊपर जा सकते हैं। भारत सहित सभी बाजारों में भी इसका असर धीरे-धीरे दिखेगा। भारत में विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि चीन से इम्पोर्ट जल्द शुरू न हुआ तो इलेक्ट्रिक और ICE वाहनों के कारखानों का प्रोडक्शन रुक सकता है। रेयर मटेरियल्स की माइनिंग में चीन की करीब 70% हिसेदारी
बता दें कि ग्लोबल लेवल पर रेयर मटेरियल्स की माइनिंग में चीन की हिसेदारी करीब 70% और प्रोडशन में करीब 90% तक है। चीन ने हाल ही में अमेरिका के साथ बढ़ती ट्रेड वॉर के बीच 7 कीमती धातुओं (रेयर अर्थ मटेरियल) के निर्यात पर रोक लगा दी थी। चीन ने कार, ड्रोन से लेकर रोबोट और मिसाइलों तक असेंबल करने के लिए जरूरी मैग्नेट यानी चुंबकों के शिपमेंट भी चीनी बंदरगाहों पर रोक दिए हैं। ये मटेरियल ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर और एयरोस्पेस बिजनेस के लिए बेहद अहम हैं। स्पेशल परमिट के जरिए ही होगा एक्सपोर्ट
चीन ने 4 अप्रैल को इन 7 कीमती धातुओं के निर्यात पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। आदेश के मुताबिक ये कीमती धातुएं और उनसे बने खास चुंबक सिर्फ स्पेशल परमिट के साथ ही चीन से बाहर भेजे जा सकते हैं। कंपनियों को चीन से मैग्नेट मंगाने के लिए ‘एंड-यूज सर्टिफिकेट’ देना होगा। इसमें यह बताना पड़ेगा कि यह चुंबक सैन्य उद्देश्यों के लिए तो नहीं हैं। चीन ने प्रतिबंध क्यों लगाए?
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन का यह कदम माइनिंग इंडट्री में इसके डोमिनेंस को भी दिखाता है। इसके अलावा, इसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाड ट्रंप के साथ चल रहे टैरिफ वार में चीन ओर से लाभ उठाने के रूप में देखा जा रहा है।

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