रोहतक जिले के कलानौर में निर्जला एकादशी का पावन पर्व बड़े ही श्रद्धाभाव के साथ मनाया जा रहा है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ने वाला यह व्रत अत्यंत कठिन माना जाता है। निर्जला एकादशी के मध्य नजर सुबह से ही मंदिरों में पूजा, पाठ, दान पुण्य व पितरों के तर्पण को लेकर लोगों की भीड़ जुटी हुई है। बता दें कि भक्तजन बिना अन्न और जल ग्रहण किए भगवान विष्णु की आराधना करते हैं। इसे भीमसेन एकादशी भी कहा जाता है क्योंकि पांडव पुत्र भीम ने भी इस वक्त को रखा था। कलानौर के प्रमुख मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और अनुष्ठान लगातार जारी है। मीठे जल की छबीली व भंडारे का आयोजन इस अवसर पर सैकड़ों भक्तों द्वारा सूर्योदय से लेकर अगले दिन सूर्योदय तक निर्जल व्रत रखा गया है। माना जाता है कि निर्जला एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। वहीं निर्जला एकादशी के मध्य नजर क्षेत्र में मीठे जल की छबीली व भंडारे का आयोजन भी किया जा रहा है। जहां लोग मीठा जल व भंडारा भी ग्रहण कर रहे हैं।
निर्जला एकादशी पर कलानौर के मंदिरों में उमड़ी भीड़:सूर्योदय से अगले दिन तक निर्जल व्रत, पूजा-पाठ और भंडारे का आयोजन
8