Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ तबादला नीति 2025 को लेकर अब प्रदेश में घमासान शुरू हो गया है. नई तबादला नीति बुधवार (4 जून) को विष्णु देव साय कैबिनेट ने मंजूरी दी है, जिसके तहत प्रदेश के कर्मचारी करीब 3 साल बाद अपने तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे. इसको लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने गंभीर सवाल खड़े किए.
बैज ने आरोप लगाया की नई तबादला नीति से मंत्रियों के घर भ्रष्टाचार की दुकान खुल गई है, जो प्रदेश के कर्मचारियों को लूटने का काम करेगी.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अगले 10-12 दिनों के लिए प्रदेश में ट्रांसफर उद्योग खूब फलेगा- फूलेगा . मंत्रियों के घर भ्रष्टाचार की दुकान खुल चुकी है. अब बोली लगेगी. बैज ने आगे कहा कि शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण में भी काउंसलिंग और पोस्टिंगों के नाम पर भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है.
’प्रदेश के कर्मचारियों को लूटने का नया सिलसिला शुरू होगा'
दीपक बैज ने सवाल किया कि जब सरकार युक्तियुक्तकरण के जरिये स्कूल बंद कर रही है. स्कूलों का जमा जमाया सेटअप बिगाड़ दिया गया है तो फिर नई ट्रांसफर नीति के तहत शिक्षकों के तबादले कैसे करेंगे. प्रदेश में सबसे बड़ा अमला शिक्षा विभाग का ही है. लेकिन सरकार ने पूरे विभाग को ही तहस-नहस कर दिया है.
काउंसलिंग और पोस्टिंग के नाम पर भारी भ्रष्टाचार चल रहा है. अब नई तबादला नीति के तहत प्रदेश के कर्मचारियों को लूटने का नया सिलसिला शुरू होगा. मंत्रियों के बंगले पर पसंद की पदस्थापना के लिए बोलियां लगेगी.
’बीजेपी के शासन में भ्रष्टाचार पहुंच चुका है चरम सीमा पर'
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, ”पहले भी देखा गया है जब भी प्रदेश में ट्रांसफर खुलते हैं, भारी भ्रष्टाचार होता है. खुद कर्मचारियों ने कई बार भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. यह कोई नई बात नहीं है. बीजेपी के शासन में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच चुका है. और अब तो सरकार ने मंत्रियों के बंगले पर ही दुकान खोल दी हैं.”
उन्होंने कहा कि अगर सरकार सच में कर्मचारियों को भला करना चाहती है तो ट्रांसफर पूरी पारदर्शिता के साथ होने चाहिए जो कर्मचारी ट्रांसफर के लिए उचित और पर्याप्त कारण हों, उन्हीं का ट्रांसफर हो. ना कि मंत्रियों के चाहते सेटिंग करके मलाईदार पदों पर पहुंच जाएं. अगर सरकार ने नई ट्रांसफर नीति लागू की है, तो इससे कर्मचारियों को फायदा होना चाहिए ना कि मंत्रियों का.
’जातिगत जनगणना करने से अब भी बच रही है केंद्र सरकार'
कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2027 में जातिगत जनगणना करने की घोषणा की है आखिर इतना लंबा समय क्यों लिया जा रहा है. बैज ने आरोप लगाए की सरकार अब भी जातिगत जनगणना नहीं करना चाहती, इसलिए इतना लंबा समय खींचा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना की मांग सबसे पहले हमारे नेता राहुल गांधी ने उठाई थी. लेकिन उसे वक्त बीजेपी के तमाम नेताओं ने राहुल गांधी को जी भर के कोसा था. लेकिन राहुल गांधी के लगातार दबाव बनाने के बाद आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा और जातिगत जनगणना की बात माननी पड़ी . अब सरकार जातिगत जनगणना करने में फिर आनाकानी कर रही है. इसलिए 2027 में जातिगत जनगणना करने की बात की जा रही है.
(विनीत पाठक का रिपोर्ट)