Shirshasana on Yoga Day: मस्तिष्क को मजबूत बनाता है शीर्षासन, लेकिन करने से पहले बरतें ये सावधानियां

by Carbonmedia
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Shirshasana Benefits: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर हम जब योगासनों के फायदों की बात करते हैं, तो ‘शीर्षासन’ को खासतौर याद किया जाता है. इसे ‘आसन का राजा’ कहा जाता है, क्योंकि यह सिर से लेकर पैर तक पूरे शरीर को फायदा देता है. इस आसन में व्यक्ति का सिर नीचे और पैर ऊपर होते हैं.


इससे खून का बहाव उल्टी दिशा में यानी सिर की तरफ होता है, जिससे दिमाग को ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है. इससे सिरदर्द, तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याएं कम हो सकती हैं. इस आसन का रोजाना अभ्यास करने से आत्मविश्वास और एकाग्रता में भी बढ़ोतरी होती है. साथ ही अनेकों फायदे भी मिलते हैं.


मस्तिष्क के लिए बेहद लाभकारी है शीर्षासन 


शीर्षासन मस्तिष्क के लिए बेहद लाभकारी है. इसके अभ्यास से सिर की ओर रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिससे मस्तिष्क को ज्यादा ऑक्सीजन और पोषण मिलता है. यह याददाश्त, एकाग्रता और सोचने की क्षमता को बेहतर बनाता है. साथ ही तनाव, चिंता और डिप्रेशन को कम करने में सहायक होता है. यह मानसिक संतुलन को मजबूत करता है.


शीर्षासन करने से शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है, खासकर सिर की ओर. जब हम उल्टा खड़े होते हैं, तो हृदय से मस्तिष्क तक रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है, जिससे ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है. इसका असर त्वचा और बालों पर भी दिखाई देता है, त्वचा में चमक आती है, बालों का झड़ना कम होता है और कई तरह की त्वचा संबंधित समस्याएं भी धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं.


पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे कब्ज, गैस दूर करने में मदद


इस आसन से पाचन तंत्र को काफी फायदा मिलता है. यह आसन पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे कब्ज, गैस और अपच को दूर करने में मदद करता है. जब आप उल्टा होकर इस आसन को करते हैं, तो शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है जिससे पाचन क्रिया मजबूत होती है.


इस आसन से हाथ और कंधों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, क्योंकि शरीर का पूरा वजन इन्हीं पर टिका होता है. साथ ही यह गर्दन, सिर और पीठ की मांसपेशियों को भी ताकत देता है और संतुलन बनाए रखने में मदद करता है.


शीर्षासन करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए


यूं तो शीर्षासन कई फायदे देता है, लेकिन कुछ लोगों को इसे करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए. जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या है, उन्हें यह आसन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए. माइग्रेन या लगातार सिरदर्द से परेशान लोग इस आसन से दूर रहें, क्योंकि इससे परेशानी बढ़ सकती है. गर्भवती महिलाओं के लिए भी यह आसन सुरक्षित नहीं है, इसलिए उन्हें इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए. इसके अलावा, अगर किसी को रीढ़ की हड्डी से जुड़ी कोई समस्या है तो उन्हें भी शीर्षासन करने से बचना चाहिए.


चलिए अब आपको बताते हैं कि शीर्षासन कैसे करे- पहले अपने पैरों को दीवार के सहारे टिकाएं और धीरे-धीरे उन्हें दीवार पर ऊपर की ओर ले जाएं. इस दौरान अपना वजन हाथों पर रखें, ताकि शरीर का संतुलन बना रहे. फिर अपने सिर को चटाई पर सावधानी से रखें और धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाएं, जिससे शरीर शीर्षासन की सही स्थिति में आ सके. इस आसन को करते समय संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी होता है, जिसमें आपकी भुजाएं और कंधे मदद करते हैं. शुरुआत में दीवार का सहारा लेना बेहतर होता है, इससे आसन करना आसान और सुरक्षित रहता है.

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