कांगड़ा में आज NDRF ने ज्वालामुखी मंदिर में भूकंप आपदा से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए मॉक ड्रिल की गई। इस दौरान एक बड़ी खामी सामने आई। मंदिर मार्ग पर बनी लोहे की केनोपी में फायर ब्रिगेड की गाड़ी फंस गई। इससे करीब 30 मिनट तक राहत कार्य रुका रहा। ड्रिल में 2 लोगों की काल्पनिक मौत और 14 लोगों के घायल होने का दृश्य बनाया गया। घायलों में 10 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल थीं। तीन गंभीर घायलों को टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर करने का अभ्यास भी किया गया। मंदिर के शयन भवन, जिगजैग रास्ते और सीढ़ियों पर यह अभ्यास केंद्रित रहा। इन स्थानों पर श्रद्धालुओं की भीड़ ज्यादा रहती है। प्रशासन ने स्वीकार किया कि मंदिर मार्ग पर अतिक्रमण और अव्यवस्थित निर्माण से यह समस्या पैदा हुई। विशेषज्ञों का कहना है कि वास्तविक आपदा में यह देरी जानलेवा साबित हो सकती थी। इस ड्रिल ने जहां विभागों की तत्परता दिखाई, वहीं कई कमियां भी उजागर हुईं। यह अभ्यास प्रशासन के लिए एक सीख बनकर सामने आया। ड्रिल के दौरान सामने आईं कमियों को दूर किया जाएगा
तहसीलदार राहुल शर्मा ने स्पष्ट कहा कि ड्रिल के दौरान जो कमियां सामने आईं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर ठीक किया जाएगा। फायर ब्रिगेड की गाड़ी का फंसना गंभीर संकेत है। जल्द ही मंदिर मार्ग से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी, ताकि आपात स्थिति में रेस्क्यू बाधित न हो। ड्रिल का नेतृत्व राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीम ने किया। इसके अलावा पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, मंदिर ट्रस्ट, फायर ब्रिगेड और प्रशासनिक अधिकारी पूरी तत्परता के साथ मौके पर मौजूद रहे। घायलों को मौके पर प्राथमिक उपचार दिया गया और त्वरित प्रतिक्रिया की हर प्रक्रिया को अमल में लाया गया। इस मौके पर एसडीएम डॉ. संजीव शर्मा, मंदिर अधिकारी मनोहर लाल शर्मा, और सीमा सुरक्षा बल सपड़ी से आए ऑब्जर्वर चंदन कुमार उपस्थित रहे। ड्रिल का संचालन चंदन कुमार की देखरेख में किया गया।
कांगड़ा में NDRF की मॉकड्रिल:आपदा के समय बचाव के तरीके सिखाए, रास्ते में फंसी फायर ब्रिगेड की गाड़ी
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