लंबी चर्चा और इंतजार के बाद कांग्रेस ने शनिवार को मध्य प्रदेश में 71 जिलाध्यक्षों की सूची जारी कर दी. इस सूची में सबसे ज्यादा तवज्जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को दी गई है. यही नहीं, दलित और आदिवासी वर्ग को भी भरपूर प्रतिनिधित्व मिला है.
जयवर्धन सिंह बने गुना जिलाध्यक्ष
वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बेटे और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह को गुना जिले की जिम्मेदारी दी गई है. दिलचस्प बात यह है कि गुना वही इलाका है, जहां से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ताल्लुक रखते हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस ने यहां जयवर्धन को उतारकर बड़ा सियासी संदेश देने की कोशिश की है.
ओबीसी आबादी पर कांग्रेस की नजर
मध्य प्रदेश की राजनीति में ओबीसी वर्ग की बड़ी भूमिका है. राज्य की कुल आबादी में लगभग 49 फीसदी लोग इसी वर्ग से आते हैं. यही वजह है कि बीजेपी ने भी अब तक उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान से लेकर मौजूदा मुख्यमंत्री मोहन यादव तक की कमान ओबीसी नेताओं को सौंपी है. कांग्रेस की नई सूची भी इसी समीकरण को ध्यान में रखकर बनाई गई है.
महिलाओं को मिली सीमित जगह
सूची में केवल चार महिलाओं को जिलाध्यक्ष बनाया गया है. इनमें विजयलक्ष्मी तंवर (आगर मालवा), प्रतिभा रघुवंशी (खंडवा शहर), सुनीता पटेल (नरसिंहपुर) और सरस्वती सिंह मरकाम (सिंगरौली ग्रामीण) शामिल हैं. महिला नेताओं की कम भागीदारी को लेकर पार्टी के भीतर ही सवाल उठ सकते हैं.
पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों को भी जिम्मेदारी
जयवर्धन सिंह के अलावा तीन और पूर्व मंत्रियों को भी जिलाध्यक्ष बनाया गया है. ओंकार सिंह मरकाम को डिंडौरी, प्रियव्रत सिंह को राजगढ़ और हर्षविजय गहलोत को रतलाम ग्रामीण की कमान दी गई है. इसी तरह 11 पूर्व विधायकों को भी जिलाध्यक्ष बनाया गया है. कुल 18 नेताओं को उनकी पुरानी जिम्मेदारी पर ही बरकरार रखा गया है.
सभी वर्गों को साधने की कोशिश
कांग्रेस की सूची में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के नेताओं को बड़ी संख्या में जगह मिली है. इसके अलावा दो मुस्लिम, दो जैन और एक सिख नेता भी जिलाध्यक्ष बनाए गए हैं. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह सूची राहुल गांधी की सोच के अनुरूप है. राहुल गांधी लगातार ओबीसी, एससी और एसटी की भागीदारी बढ़ाने की वकालत करते रहे हैं.
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आदरणीय मल्लिकार्जुन खड़गे जी के मार्गदर्शन एवं नेता प्रतिपक्ष, जननायक श्री राहुल गांधी जी की मंशानुरूप मध्य प्रदेश में संगठन सृजन अभियान के तहत जिला अध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया संपन्न हुई।यह सम्पूर्ण प्रक्रिया गहन विचार-विमर्श,… pic.twitter.com/U6y2kXUB2L
— MP Congress (@INCMP) August 16, 2025
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी की गई यह सूची गांधी द्वारा मध्य प्रदेश में अपनी पार्टी के ‘संगठन सृजन अभियान’ की शुरुआत करने के दो महीने बाद आई है. उनका मकसद 2028 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को मजबूत आधार देना है.
पहला इस्तीफा भी सामने आया
सूची जारी होने के तुरंत बाद बुरहानपुर के नेता हेमंत पाटिल ने इस्तीफा दे दिया. उन्हें ग्रामीण जिलाध्यक्ष का पद नहीं मिला, जिस पर नाराज होकर उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. हालांकि उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस कार्यकर्ता बने रहेंगे.
बीजेपी के दबदबे को तोड़ने की चुनौती
बता दें कि 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने मध्य प्रदेश की सभी 29 सीटें जीत ली थीं. यहां तक कि कमलनाथ का गढ़ माने जाने वाला छिंदवाड़ा भी बीजेपी के खाते में चला गया. 2003 से कांग्रेस सत्ता से बाहर है, सिर्फ 15 महीने (2018–2020) के लिए उसने सत्ता संभाली थी. ऐसे में नई सूची कांग्रेस के लिए संगठनात्मक मजबूती का प्रयास मानी जा रही है.