जम्मू-कश्मीर को अब तक पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिला है. सोशल मीडिया पर इसको लेकर कई दावे शुरू हो गए. इस बीच मंगलवार (19 अगस्त) को सीएम उमर अब्दुल्ला का रिएक्शन वायरल हो गया. सीएम ने एक सोशल मीडिया पोस्ट शेयर किया. इसमें लिखा है कि ‘कृपया मैं इसे और नहीं सह सकता.” कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर ये तक लिखा कि बुधवार (20 अगस्त) को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पेश किया जाएगा.
बता दें कि बीते दिनों सीएम उमर अब्दुल्ला ने ऐलान किया था कि वो पूर्ण राज्य की बहाली के लिए सिग्नेचर कैंपेन शुरू करेंगे और अपनी मांग को तेज करेंगे. नेशनल कॉन्फ्रेंस के अलावा कांग्रेस ने भी इस मांग को दोहराया. बीते दिनों जम्मू कश्मीर कांग्रेस ने दिल्ली में मार्च भी किया था.
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— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 19, 2025
14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में हुई थी सुनवाई
इससे पहले जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की मांग वाली याचिका पर 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने यह साफ कर दिया कि इस मुद्दे पर फैसला लेते समय जमीनी हकीकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा था कि ऐसी घटनाएं गंभीर चिंता का विषय हैं और इन्हें ध्यान में रखना आवश्यक है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने क्या कहा था?
इस मामले में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की दिशा में कदम उठा रही है, लेकिन वर्तमान में वहां कुछ अजीबोगरीब परिस्थितियां बनी हुई हैं. उन्होंने याद दिलाया कि चुनावों के बाद राज्य का दर्जा बहाल करने का आश्वासन पहले ही दिया जा चुका है, परंतु मौजूदा हालात को देखते हुए यह प्रश्न अभी क्यों उठाया जा रहा है, यह स्पष्ट नहीं है.