भास्कर न्यूज | अमृतसर मंगलवार को जया एकादशी पर श्री दुर्ग्याणा के मुख्य श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर के तीनों विग्रहों का दुग्ध स्नान कराया। मंदिर के मुख्य पुजारी ओम प्रकाश की अध्यक्षता में सभी पुजारियों ने मिलकर सबसे पहले मंत्रोच्चारण किया। इसी दौरान लोगों द्वारा लाए दूध से श्री लक्ष्मी नारायण, राम परिवार और राधा कृष्ण जी के स्नान करवाए। इसी बीच पंडितों की ओर से मंत्रोच्चारण जारी रखा। स्नान के बाद श्री ठाकुर जी को सुंदर वस्त्र धारण करवा कर शृंगार किया। शहर के कई इलाकों से आए लोगों की ओर से ठाकुर जी के दर्शन करके आशीर्वाद प्राप्त किया। इसी दौरान पंडितों की ओर से भक्तों को कई तरह का प्रसाद भेंट किया गया। कहीं शाम को भजन मंडलियों की ओर से ठाकुर जी का गुणगान किया गया। इस मौके पर मुख्य पुजारी ओम प्रकाश जी ने बताया कि सनातन धर्म में एकादशी व्रत का अत्यंत महत्व माना गया है। यह दिन भगवान विष्णु की उपासना के लिए समर्पित होता है। इस व्रत को करने से मनुष्य अपने पिछले जन्मों के पापों से मुक्त होकर मोक्ष की प्राप्ति करता है। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि इस एकादशी की महिमा का वर्णन पद्म पुराण और अन्य ग्रंथों में मिलता है। जिसमें कहा गया है कि इस दिन व्रत करने वाला व्यक्ति सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर परम शांति प्राप्त करता है। इस दिन भक्तजनों द्वारा भगवान विष्णु की पूजा, भजन-कीर्तन और कथा श्रवण से मन को शुद्धि और शांति मिलती है। यह व्रत न केवल पापों का क्षय करता है, बल्कि जीवन को धर्म, सत्य और भक्ति के मार्ग पर अग्रसर करने का दिव्य अवसर प्रदान करता है। पौराणिक मान्यता है कि अजा एकादशी पर तुलसी से जुड़े उपाय करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में हर प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं।
एकादशी पर भक्तों के लाए दूध से तीनों विग्रहों का स्नान कराया
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