करनाल में सांप के डसने से बच्ची की मौत:दो घंटे बाद बिगड़ी तबीयत, अस्पताल ले जाते समय तोड़ा दम

by Carbonmedia
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करनाल के हथलाना गांव में 10 साल की बच्ची की सांप के डसने से मौत हो गई। बच्ची शनिवार शाम को खेतों में अपने भाई-बहनों के साथ खेल रही थी। इसी दौरान उसे पैर में कुछ चुभा, जिससे खून निकलने लगा। बच्ची ने सोचा कि कांटा लगा होगा, खुद ही कपड़े से पट्टी कर ली और दोबारा खेलने चली गई।
दो घंटे बाद उसकी हालत बिगड़ गई। परिजन उसे अस्पताल लेकर भागे लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बुजुर्गो की माने तो इस गांव में मान्यता रही है कि यहां पर अगर किसी को सांप काट ले तो उसकी मौत नहीं होती थी। खुद की पट्टी कर दोबारा खेलने चली गई बच्ची
मृतका की पहचान गांव हथलाना निवासी 10 वर्षीय लक्षिता के रूप में हुई है। शुक्रवार की शाम वह खेतों में अपने तीन अन्य भाई-बहनों के साथ खेल रही थी। इसी दौरान वह दूसरी तरफ चली गई। अचानक उसे पैर के अंगूठे में कुछ चुभा। खून निकलते देख उसने वहीं खेत में पानी से पैर धोया और घर आकर बताया कि पैर में कुछ लग गया है। मां ने भी हल्के में लिया और सोचा कांटा लगा होगा। लक्षिता ने कपड़ा फाड़कर खुद ही पट्टी कर ली और दोबारा खेतों में खेलने लौट गई। चक्कर आए, मुंह से झाग निकले तो परिजन घबराए
करीब दो घंटे बाद लक्षिता को अचानक चक्कर आए और उल्टियां होने लगीं। मुंह से झाग निकलने लगे। बच्ची की हालत देख घरवालों को चिंता हुई। उसका पिता होमगार्ड में कार्यरत है, वह ड्यूटी से लौटा तो बेटी की हालत देख तत्काल करनाल के एक निजी अस्पताल में ले गया। लेकिन तब तक बच्ची दम तोड़ चुकी थी। डॉक्टरों ने चेकअप के बाद बताया कि बच्ची को कोबरा ने काटा था। पैर के अंगूठे पर सांप के डंसने के निशान भी मिले। गांव में मान्यता- सांप के डसने से नहीं होती मौत
हथलाना गांव में वर्षों पुरानी मान्यता रही है कि यहां सांप के काटने से किसी की मौत नहीं होती। मृतका के दादा महावीर ने बताया कि पुराने समय में गांव में बाबा दीवाननाथ जी महाराज का डेरा था। एक बार उनका एक भक्त जंगल में उन्हें खाना देने गया और बारिश में रास्ता पानी से भर गया। उसने पूछा- अगर रास्ते में सांप ने काट लिया तो? तब बाबा ने आशीर्वाद दिया था कि इस गांव में किसी भी व्यक्ति की सांप के काटने से मौत नहीं होगी। दादा बोले- दीया जला देते तो बच सकती थी जान
महावीर ने बताया कि मान्यता है कि अगर गांव के लड़के की कही शादी होनी है और उस लड़की की सिर्फ मांग भराई हुई और उसे भी सांप काट लेता है तो उसकी भी मौत नहीं होती थी, जिसको सांप ने काटा है उसको गांव की सीमा में लाकर पीर पर दीया जला दिया जाए तो वह ठीक हो जाती है। उन्होंने कहा कि अगर हमें समय रहते पता चलता कि लक्षिता को सांप ने काटा है, तो हम भी दीया जलाकर उसे बचा सकते थे। लेकिन हमें तो बाद में डॉक्टरों से पता चला कि उसे कोबरा ने काटा था। गांववालों में भी बना असमंजस, टूट रही आस्था या कुछ और?
गांव के बुजुर्गों के अनुसार, 50 से 100 साल में कभी ऐसा नहीं हुआ कि सांप के काटने से किसी की मौत हो। लेकिन पिछले 2-3 सालों में ऐसे मामले सामने आने लगे हैं। इससे गांव वालों की आस्था पर सवाल उठने लगे हैं। दादा महावीर का कहना है कि अब समझ नहीं आ रहा कि बाबा का आशीर्वाद खत्म हो गया है या फिर लोगों की आस्था कमजोर हो रही है?

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