सहयोगात्मक विकास, नेतृत्व और एनईपी को लागू करना पर इंटरेक्टिव सेशन किए

by Carbonmedia
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जालंधर| स्कूल-यूनिवर्सिटी सहयोग को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाते हुए एलपीयू ने कौशल शिक्षा विभाग, सीबीएसई के सहयोग से एडु-लीडर्स कॉन्क्लेव की मेजबानी की। दो दिवसीय कॉन्क्लेव में भारत भर के प्रमुख सीबीएसई-से मान्यता प्राप्त स्कूलों के 40 से अधिक प्रिंसिपलों ने भाग लिया। इसमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, जम्मू, कालीकट और अन्य क्षेत्रों के प्रिंसिपल शामिल थे। उच्च शिक्षा के उभरते परिदृश्य में सार्थक ज्ञान प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया। कॉन्क्लेव में विचारों के आदान-प्रदान और एकेडमिक रूपरेखा और नए अवसरों की खोज के लिए एक मंच के तौर पर काम किया। निदेशक डॉ. बिस्वजीत साहा वर्चुअल रूप से कार्यक्रम में शामिल हुए। डॉ. साहा ने एक्सपोजर विजिट की सुविधा के लिए एलपीयू की सराहना की और स्कूली पाठ्यक्रम में कौशल शिक्षा को एकीकृत करने में इस तरह की भागीदारी के महत्व पर जोर दिया। यह एनईपी के विजन के अनुरूप एक समयबद्ध पहल है, जो स्कूलों को अधिक समग्र और भविष्य उन्मुख शैक्षणिक रोडमैप तैयार करने में मदद करती है। सांसद और एलपीयू के संस्थापक चांसलर डॉ अशोक कुमार मित्तल, ने शिक्षकों के लिए निरंतर प्रोफेशनल डिवेलपमेंट के बढ़ते महत्व पर जोर दिया। डॉ मित्तल ने इंडस्ट्री की उम्मीदों और सामाजिक परिवर्तनों के अनुरूप एकेडमिक दृष्टिकोण को अपनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, छात्रों को भविष्य के लिए बेहतर ढंग से तैयार करने के लिए अनुभव-आधारित शिक्षा सीखने पर जोर दिया। कॉन्क्लेव में एडु-रेव्यलूशन, एक्सपीरियंस पर आधारित शिक्षा, सहयोगात्मक विकास, नेतृत्व और एनईपी को लागू करना और शिक्षक विकास जैसे विषयों पर इंटरेक्टिव सेशन हुए।

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