Bageshwar Dham Sarkar in Australia: छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन पहुंचे हैं, जहां वे कथा कर रहे हैं. उनकी कथा में हजारों की संख्या में हिंदू इकट्ठा हो रहे हैं. इस बीच ऑस्ट्रेलिया से उनकी कथा का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे एनआरआई लोगों से निवेदन कर रहे हैं कि- ‘विदेश में रहकर हिंदू संस्कृति को भूल न जाएं, बल्कि एकजुट होकर रहें वरना हिंदू विलुप्त हो जाएगा.'
वीडियो में बागेश्वर धाम सरकार कह रहे हैं, “ऑस्ट्रेलिया के हिंदुओं! अगर तुम एक नहीं हुए तो मंदिरों में बंटे रहोगे. तुम उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, दक्षिण भारत के नाम पर बंटे रहोगे. फिर एक दिन ऐसा आएगा, तुम इस देश में विलुप्त हो जाओगे.”
पंडित धीरेंद्र शास्त्री का कहना है, “ऑस्ट्रेलिया की संस्कृति का सम्मान करो, ऑस्ट्रेलिया के उत्थान के लिए प्रार्थना करो, लेकिन अपनी हिंदू संस्कृति को मत भूल जाना. अपने हिंदुत्व को मत भूल जाना.”
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— Bageshwar Dham Sarkar (Official) (@bageshwardham) June 7, 2025
’हिंदुओं के काम नहीं आए तो किसी काम के नहीं'
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने वहां मौजूद श्रद्धालुओं को समझाने के लहजे में कहा, “तुम अगर हिंदू होकर हिंदू को काम नहीं आए तो तुम किसी काम के नहीं हो. यहां हमने बड़े-बड़े अमीर हिंदू देखे, भारत का कोई गरीब आ जाता है तो उसको एक दिन का भोजन देना भी मुश्किल होता है. पढ़ने वाले बच्चे आते हैं तो कोई ठहरने नहीं देता है.”
’इससे भला तो हमारा भारत है'
भारत की तारीफ करते हुए धीरेंद्र शास्त्री बोले, “बुरा न मानना, इससे भला तो हमारा भारत है. जाति-पाति न पूछे, रात को कोई आ जाए तो खुद भोजन नहीं करता लेकिन घर आए अतिथि को भूखा नहीं सुलाते. मानवता खत्म हो रही है. तुम यहां हजारों किलोमीटर दूर रह रहे हो. भारत में तुम्हारे माता-पिता औऱ परिवार हैं. तुम्हारी भारत माता तुमको याद कर रही हैं. इसलिए प्रार्थना है, जीते जी ऑस्ट्रेलिया में हिंदू एकता कर के जाना.”
वहीं, उन्होंने हिंदुओं से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा, “कुछ नहीं करना है, केवल एक काम करना है. 24 घंटे में एक घंटा तुम्हारा, हिंदू एकजुट हमारा. हमको पंजाब-गुजरात या बिहार के नाम पर बंटना नहीं है. हमें सबको लेकर चलना है. चाहे वे सिख भाई हों या कोई भी हों, हम सब भारतीय हैं. भारतीय होना ही हमारी पहचान है. इसलिए तिरंगा को हाथ में लेकर आगे बढ़ना है.”