अलीगढ़ शहर के थाना गांधीपार्क क्षेत्र के शाहकमाल रोड स्थित रेलवे प्रॉपर्टी पर बने दो अवैध मजारों को रेलवे की टीम ने पुलिस बल की मौजूदगी में ध्वस्त कर दिया. इस कार्रवाई से पूरे इलाके में हलचल मच गई. रेलवे प्राधिकरण का कहना है कि यह मजारें वर्षों से अतिक्रमण कर बनाई गई थीं और रेलवे के निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न कर रही थीं. ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान मौके पर किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति न उत्पन्न हो, इसके लिए आरपीएफ, जीआरपी और स्थानीय पुलिस बल भारी संख्या में मौजूद रहा.
जानकारी के अनुसार शाहकमाल रोड पर रेलवे की भूमि पर वर्षों पहले दो छोटी-छोटी मजारें बना दी गई थीं. धीरे-धीरे इन पर धार्मिक गतिविधियां शुरू हो गईं और स्थानीय स्तर पर लोग वहां आने लगे. समय बीतने के साथ इन मजारों को स्थायी संरचना का रूप दे दिया गया. रेलवे अधिकारियों ने कई बार नोटिस जारी कर लोगों को हटने की चेतावनी दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अंततः प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दोनों मजारों को ध्वस्त करने का फैसला लिया.
ध्वस्तीकरण के समय रही कड़ी सुरक्षा
ध्वस्तीकरण अभियान शुरू होते ही इलाके में तनावपूर्ण स्थिति देखने को मिली. लोगों के बीच चर्चा तेज हो गई लेकिन पुलिस बल ने किसी भी तरह की भीड़ जमा नहीं होने दी. आरपीएफ और जीआरपी के जवानों ने मोर्चा संभाला और मजदूरों की मदद से दोनों मजारों को ध्वस्त कर दिया.
रेलवे ने बताई कार्रवाई की वजह
इस कार्रवाई को लेकर अलीगढ़ के एसएसपी संजीव सुमन ने जानकारी दी. उन्होंने कहा, “रेलवे अपनी प्रॉपर्टी पर ट्रैक के दोनों ओर बाउंड्री वॉल का निर्माण कर रहा है. इस दौरान जो भी अवैध कब्जे या अतिक्रमण सामने आ रहे हैं, उन्हें हटाने की कार्यवाही की जा रही है. इसी क्रम में अलीगढ़ में दो मजारें रेलवे की भूमि पर अवैध रूप से बनी पाई गई थीं, जिन्हें पुलिस और रेलवे की टीम ने ध्वस्त कर दिया है.” वहां दूसरी ओर रेलवे अधिकारियों ने भी यह स्पष्ट किया कि अवैध रूप से बने ढांचे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. क्योंकि इससे रेलवे की सुरक्षा और निर्माण कार्य दोनों प्रभावित होते हैं.
पुलिस बल की रणनीति
ध्वस्तीकरण के लिए प्रशासन ने पहले से ही पुख्ता रणनीति बना ली थी. किसी भी तरह के विरोध की आशंका को देखते हुए गांधीपार्क थाना क्षेत्र के अलावा आसपास के थानों से भी पुलिस बल बुलाया गया. आरपीएफ और जीआरपी के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की निगरानी की. अब रेलवे की भूमि खाली होने से क्षेत्र में साफ-सफाई और सुरक्षा की स्थिति बेहतर होगी.
रेलवे संपत्ति पर अतिक्रमण बड़ी चुनौती
दरअसल, पूरे देश में रेलवे की संपत्ति पर अवैध कब्जों का मुद्दा वर्षों से सिरदर्द बना हुआ है. रेलवे की जमीन पर झुग्गी-झोपड़ियां, धार्मिक स्थल, दुकानें और यहां तक कि पक्के मकान तक बना लिए गए हैं. इससे रेलवे को बुनियादी ढांचे के विकास और विस्तार में बड़ी कठिनाई आती है. कई बार ट्रैक चौड़ीकरण, प्लेटफॉर्म निर्माण या बाउंड्री वॉल जैसी परियोजनाएं अटक जाती हैं.
स्वेच्छा से रेलवे की भूमि खाली कर दें
रेलवे समय-समय पर ऐसे अतिक्रमणों के खिलाफ अभियान चलाता है. उत्तर प्रदेश में भी बीते महीनों में कई जिलों में रेलवे ने अपनी भूमि से कब्जे हटाए हैं. अलीगढ़ की यह कार्रवाई भी उसी श्रृंखला का हिस्सा है. रेलवे अधिकारियों ने साफ किया है कि यह कार्रवाई केवल शुरुआत है. आने वाले दिनों में अलीगढ़ और आसपास रेलवे की भूमि पर जितने भी अतिक्रमण पाए जाएंगे, उन सभी को हटाया जाएगा. प्रशासन ने जनता से भी अपील की है कि वे स्वेच्छा से रेलवे की भूमि खाली कर दें, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी.
अलीगढ़ में रेलवे की जमीन पर बनीं दो अवैध मजार ध्वस्त, पुलिस की मौजूदगी में हुई कार्रवाई
6