महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर आज 25 अगस्त को पूरे राज्य में वराह जयंती मनाए जाने की मांग की थी. राणे ने मुख्यमंत्री से वराह जयंती के अवसर पर जिला स्तर और प्रमुख शहरों में सरकारी कार्यक्रम आयोजित करने का भी अनुरोध किया था. नितेश राणे का कहना है कि हम हिंदू हैं और हिंदू त्योहार मनाएंगे. मंत्री का का कहना है कि ये हिंदुओं की सरकार है जिसे भारी बहुमत से हिंदुओं ने लाया है. इसीलिए ये रूरी है कि जो हमारे त्यौहार हैं, बड़ी धूमधाम से मनाया जायें. इसे अभी तक धूमधाम से नहीं मनाया जाता था.
‘तो इसमें गलत क्या है’
इसके साथ ही उनका कहना है कि अगर हमारे बच्चे हमारे भगवानों के बारे में नहीं पढ़ेंगे तो क्या पाकिस्तान और बांग्लादेश में पढ़ेंगे. हमारे हिंदू राष्ट्र में अगर वराह जयंती मनाई जाए तो इसमें गलत क्या है. हमारे यहां ग्रामीण भागो में छोटे छोटे पैमाने पर वराह जयंती हमेशा से मनाई जाती रही है इसीलिए किसी को मिर्ची लगने की ज़रुरत ही नहीं है.
‘किसी को क्यों हरी मिर्ची लगेगी’
नितेश राणे का कहना है कि हम तो हमारे धर्म और भगवान के बारे में बात कर रहे है तो किसी को क्यों हरी मिर्ची लगेगी. आप जिस देश में रहते हो, उस देश के धर्म के बारे में पढ़ाया जाये तो आपको तकलीफ नहीं होनी चाहिए, आप बांग्लादेश या पाकिस्तान में बैठकर नहीं बोल रह हैं, आप हिंदूराष्ट्र में बैठकर बोल रहे हैं. अगर किसी को भी इससे तकलीफ है तो उसे हम बांग्लादेश, पाकिस्तान का टिकट काट कर दे देंगे.
हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को पालनकर्ता माना गया है. जब-जब पृथ्वी पर अधर्म बढ़ता है और धर्म का क्षय होता है, तब-तब भगवान विष्णु अलग-अलग रूपों (अवतारों) में अवतरित होते हैं. दशावतार (भगवान विष्णु के 10 प्रमुख अवतार माने जाते हैं)
मत्स्य अवतार – मछली का रूप लेकर मनु को प्रलय से बचाया.
कूर्म (कच्छप ) अवतार – समुद्र मंथन के समय पर्वत मंदर को अपनी पीठ पर धारण किया.
वराह अवतार – धरती को समुद्र से उठाकर उसकी रक्षा की.
नरसिंह अवतार – आधे मनुष्य और आधे सिंह के रूप में प्रकट होकर भक्त प्रहलाद की रक्षा की और हिरण्यकश्यप का वध किया.
वामन अवतार – बौने ब्राह्मण का रूप लेकर राजा बलि से तीन पग में तीनों लोक जीत लिए.
परशुराम अवतार – अत्याचारी क्षत्रियों का नाश किया.
राम अवतार – रावण का वध कर धर्म की स्थापना की.
कृष्ण अवतार – महाभारत काल में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया और कंस जैसे दुष्टों का संहार किया.
बुद्ध अवतार – करुणा और अहिंसा का संदेश दिया.
कल्कि अवतार (आगामी) – कलियुग के अंत में प्रकट होंगे और अधर्म का नाश करेंगे.
वराह अवतार (तीसरा अवतार)
एक बार हिरण्याक्ष नामक दैत्य ने पृथ्वी (भूदेवी) को समुद्र की गहराइयों में डुबो दिया. समस्त प्रजा दुखी हो गई. तब भगवान विष्णु ने वराह (विशाल जंगली सूअर) का रूप धारण किया. वे समुद्र में उतरकर अपनी दाढ़ (दांत/दंह) पर पृथ्वी को उठाकर जल से बाहर लाए. इसके बाद उन्होंने हिरण्याक्ष का वध किया और पृथ्वी को पुनः उसके स्थान पर स्थापित किया. इस अवतार का महत्व यह है कि यह धरा (धरती माता) की रक्षा और प्रकृति के संतुलन का प्रतीक है.
इस पर्व को नितेश राणे व्यापक तौर पर मनाना चाहते है, लेकिन आखिरकार वराह जयंती ही क्यों? मत्स्य या कच्छप अवतार क्यों नहीं? क्या इसमें सामाजिक और राजनीतिक मुद्दा भी छिपा है.
इस्लाम में सूअर को हराम (निषिद्ध) माना गया है. जबकि हिंदू धर्म में समाज के सबसे पिछड़े सूअर पालन करते हैं और पूजते हैं जिससे उनकी आजीविका चलती है. सवाल ये है कि क्या नितेश राणे वराह जयंती को घर घर पहुंचकर पिछड़े दलित समाज को अपने साथ और मुसलमानों से दूरी रखना चाहते हैं?