पानीपत जिले के समालखा के वैश्य कन्या कॉलेज में बुधवार को पर्युषण महापर्व धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में बच्चों ने नाटक और गीतों के माध्यम से जैन धर्म का व्याख्यान प्रस्तुत किया। जैन मुनि उपेंद्र महाराज ने बताया कि पर्युषण जैन धर्म का सबसे बड़ा त्योहार है। यह आत्मा की शुद्धि, आत्मचिंतन और भगवान महावीर के सिद्धांतों पर आधारित है। संयम जैसे मूल्यों पर विशेष ध्यान पर्युषण का अर्थ है ‘अपने अंदर बस जाना’। इस दौरान अहिंसा और संयम जैसे मूल्यों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। त्योहार के दौरान जैन समुदाय के लोग उपवास रखते हैं। वे ध्यान करते हैं और पवित्र ग्रंथों का पाठ करते हैं। इस वर्ष 170 लोगों ने एकासन व्रत किया। 40 लोगों ने आयंबिल अठाई और 350 लोगों ने पोषध व्रत किया। बच्चों को जैन सभा प्रधान ने किया सम्मानित वहीं तपस्या करने वाली महिलाएं वैश्य कॉलेज में और पुरुष नई अनाज मंडी स्थानक में रात्रि विश्राम करेंगे। व्रत गुरुवार को खोला जाएगा। कार्यक्रम के अंत में एसएस जैन सभा के प्रधान वीर प्रकाश ने प्रस्तुति देने वाले बच्चों को सम्मानित किया। पर्युषण पर्व का समापन संवत्सरी के साथ होता है। इस दिन लोग एक-दूसरे से क्षमा मांगते हैं और ‘मिच्छामी दुक्कडम’ कहकर गले मिलते हैं।
समालखा में पर्युषण महापर्व की धूम:कॉलेज में बच्चों ने नाटक किया प्रस्तुत, गीतों से किया जैन धर्म का व्याख्यान
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