होस्टल रूम की चाबियां लेने के लिए स्टूडेंट्स को भरी धूप में आठ घंटे आईआईएम के बाहर रोके रखा

by Carbonmedia
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भास्कर न्यूज | अमृतसर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) मानांवाला में सोमवार को दूसरा सैशन शुरू करने पहुंचे स्टूडेंट्स को गेट के बाहर ही रोक दिया गया। ये स्टूडेंट्स सुबह 10.30 बजे से शाम 6.30 बजे तक बाहर खड़े रहे। तेज धूप में करीब आठ घंटे तक स्टूडेंट्स को कैंपस के बाहर ही इंतजार करना पड़ा। स्टूडेंट्स अंदर जाने की जिद्द कर रहे थे, लेकिन आईआईएम के अधिकारियों ने उन्हें अंदर ही नहीं जाने दिया। स्टूडेंट्स का आरोप था कि उन्हें कहा गया है कि एक कमरे में दो लोगों को रहना होगा। इसके अलावा उनकी एंट्री तभी होगी, जब पहले कमरों की चाबी उन्हें दी जाएगी। स्टूडेंट्स इस बात पर अड़े रहे कि वह एक कमरे में एक ही स्टूडेंट्स रह सकेगा। उनका यह भी आरोप था कि आईआईएम के प्रोफेसर ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया है और उन्हें धमकियां तक दी गई हैं। उनका व्यवहार स्टूडेंट्स के प्रति बिल्कुल भी ठीक नहीं था। स्टूडेंट्स भीषण गर्मी में बाहर ही खड़े रहे और मैनेजमेंट के अधिकारियों का इंतजार करते रहे। कई बार मैनेजमेंट के अधिकारी पहुंचे, लेकिन बात नहीं बनी तो देर शाम तक स्टूडेंट्स वहीं डटे रहे। बता दें कि आईआईए में अलग-अलग कोर्सेस की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स ने अपना पहला सैशन पूरा कर लिया है। दूसरा सैशन लगाने के लिए स्टूडेंट्स सोमवार को आईआईएम पहुंचे थे। इन सैशन के करीब 220 स्टूडेंट्स पहुंच रहे थे। सोमवार को 100 के करीब स्टूडेंट्स पहुंचने वाले थे। सोमवार सुबह करीब 40 स्टूडेंट्स पहुंच गए थे। कुछ स्टूडेंट्स का कहना था कि सोमवार की रात तक 100 से अधिक स्टूडेंट्स कैंपस में आएंगे। बाकी के स्टूडेंट्स मंगलवार को वापिस आएंगे। आईआईएम में देश के अलग-अलग राज्यों से स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। आईआईएम में अक्सर स्टूडेंट्स के प्रति लापरवाहियां सामने आती रहती हैं। करीब एक वर्ष पहले जून महीने में भी एक वीडियो एक्स पर वायरल हुआ था, जिसमें स्टूडेंट्स ने होस्टल में एसी न होने पर टेबल पर मुंह के नीचे करके बैठकर अपना प्रदर्शन किया था। इसका वीडियो एक्स पर भी पोस्ट किया गया। स्टूडेंट्स का आरोप था कि मैस व कैंटीन में एसी की सुविधा है, लेकिन हॉस्टल में यह सुविधा नहीं थी। जब वीडियो वायरल हुआ था स्टूडेंट्स की मुश्किल हल की गई। आईआईएम प्रबंधन ने इस संबंध में ब्यान जारी करके कहा है कि हमने सभी स्टूडेंट्स को कैंपस के अंदर ही रहने की फैसिलिटी देने का जो फैसला लिया है, वो पूरी सोच-विचार और प्लानिंग के बाद लिया गया है। हमारी पहली प्राथमिकता स्टूडेंट्स की सेफ्टी, वेल-बीइंग और उन्हें एक पूरा, पॉजीटिव कैंपस एक्सपीरियंस देना है। ये फैसला लंबे समय की सोच के तहत लिया गया है ताकि एक ऐसा माहौल बने जिसमें हर स्टूडेंट को बराबर फैसिलिटी मिले। हमें पता है कि कोई भी बदलाव शुरू में थोड़ी चिंता या सवाल खड़े कर सकता है। इसलिए हम पूरी ट्रांसपेरेंसी से काम कर रहे हैं और हर स्टूडेंट की बात को ध्यान से सुन रहे हैं। जो भी नई अरेंजमेंट्स की गई हैं, उनकी लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर को पहले ही अच्छे से चेक किया गया है ताकि कोई दिक्कत न हो और हर स्टूडेंट को बेसिक कम्फर्ट मिले। हम स्टूडेंट्स की फीडबैक को बहुत वैल्यू देते हैं और उनके रिप्रेजेंटेटिव्स से लगातार बातचीत कर रहे हैं। आईआईएम अमृतसर की कोशिश हमेशा यही रहेगी कि यहां का कैंपस ऐसा बने जहां पढ़ाई के साथ-साथ हर स्टूडेंट का पर्सनल ग्रोथ और कलेक्टिव वेल-बीइंग भी हो सके।

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