झज्जर में रात में बारिश हुई और अब तेज धूप ने दस्तक दे दी है। मानसून में जिले के 30 गावों के लोगों को बड़ी समस्याएं झेलनी पड़ी हैं। इस मानसून में गावों में जलभराव के बाद अब ड्रेन का खतरा लगातार बढ़ रहा है। ड्रेन में जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। रातों को लोग को ठीकरी पहरा लगा रहे हैं। कई गावों की गलियां तालाब बन चुकी हैं तो कई गावों में तालाब ओवर फ्लो हो चुके हैं। ड्रेन में पानी रात को बढ़कर 6700 क्यूसेक से भी ऊपर चला गया है। इस बार की मानसून ने लोगों की चिंताएं बढ़ा रखी हैं और घरों से निकलना तक दूभर हो गया है। जिले के कई ऐसे गांव जिनमें तालाब ओवर फ्लो होने के कारण, गाव की गलियों में पानी भरा हुआ है। वहीं कई गांव ऐसे हैं जिनके गांव से होकर ड्रेन गुजरती है। लोगों को रातों रात नींद नहीं आती है और वे ड्रेन नंबर 8 की रखवाली में लगे रहते हैं। ड्रेन गांव कलोई से 2 सितंबर को टूट गई थी जिसके बाद उसे जोड़ने का काम किया जा रहा है। लगातार कर्मचारी काम में जुटे हुए हैं। स्कूलों की 6 सितंबर तक छुट्टी ड्रेन टूटने के काराण आसपास के सैकड़ों एकड़ फसल में पानी जमा हो गया है और फसलें डूब गई हैं। जिले में बरसात के कारण जलभराव से करीब जिले का 40 प्रतिशत खेत, करीब 11 हजार एकड़ की फसलें पानी में डूबी हुई हैं। बरसात के कारण और लगातार अलर्ट के कारण जिले में सभी आंगनवाड़ी केंद्रों और स्कूलों की छुट्टी 6 सितंबर तक की गई है। वहीं जिले के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को हर समय तत्पर रहने के आदेश जारी हो चुके हैं। बिजली निगम की ओर से भी एडवाइजरी जारी की गई है कि बारिश के मौसम में किसी भी पोल व तारों को न छुएं। अगर कहीं कोई तार टूटा व पोल गिरा दिखे, तो तुरंत बिजली निगम को सूचित करें। वहीं रिटायर्ड नेवी अधिकारी डीसी से मिले, बोले बाढ़ जैसी स्थिति के लिए सहयोग देने के लिए 270 गोताखोरों की टीम तत्पर है। 30 से अधिक गावों में जलभराव बारिश के कारण जिले के गांव सिलानी, गिजाड़ौध, मारौत, दुबलधन, माजरा, बादली सहित करीब 30 से अधिक गावों की गलियों में पानी भरा हुआ है। गावों में पानी की निकासी के लिए मोटरें और पंप सेट लगाए गए हैं। लेकिन बारिश की वजह से कभी चल पाते हैं, तो कभी बंद हो जाते हैं। वहीं गावों में बरसात होने के बाद निकासी से ज्यादा पानी फिर से गलियों में भर जाता है। प्रशासन के सहयोग के लिए डीएलएसए टीम गठित डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (डीएलएसए) द्वारा बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदा की स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन को सहयोग देने के लिए टीम गठित की गई है। सीजेएम एवं प्राधिकरण के सचिव विशाल ने बताया कि यह टीम बाढ़ और अन्य आपदाओं के दौरान जिला प्रशासन और स्थानीय जनता की मदद के लिए तत्काल कार्रवाई करेगी। जिला प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी जिला उपायुक्त लगातार जलभराव के क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और अधिकारियों को पानी निकासी करने के आदेश दिए जा रहे हैं। वहीं, इस बार की बारिश के कारण लोगों के पैरों में एलर्जी की बीमारी फैलने लगी है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे घर पर सुरक्षित रहें और अनावश्यक यात्रा से बचें। विशेषकर निचले इलाकों, नालों व ड्रेनों के आसपास न जाने की सलाह दी गई है। किसी भी बाढ़ संबंधी आपात स्थिति या सहायता के लिए जिला स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष का हेल्पलाइन नंबर 01251-254270 जारी किया गया है। देखिए जलभराव के फोटो..
झज्जर में ड्रेन से खतरा, जलस्तर बढ़ा, डेंजर जोन पार:बरसात से हजारों एकड़ फसल जलमग्न, जिले में बाढ़ जैसे हालात, ड्रेन से बना लोगों में भय
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