Aadhaar में बदलाव हुआ आसान! अब घर बैठे बदल सकेंगे अपनी जानकारी, ये नया ऐप करेगा सारे काम

by Carbonmedia
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E-Aadhaar App: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) अब पूरे देश में एक नई QR कोड आधारित e-Aadhaar प्रणाली शुरू करने जा रहा है जिसकी शुरुआत 2025 के अंत तक की जाएगी. इस सिस्टम की मदद से आधार कार्डधारक बिना किसी फिजिकल फोटोकॉपी के डिजिटल रूप से अपनी पहचान सत्यापित कर सकेंगे.
UIDAI के सीईओ भुवनेश कुमार के अनुसार, फिलहाल देशभर में मौजूद एक लाख आधार ऑथेंटिकेशन डिवाइसों में से लगभग 2,000 को QR सपोर्ट के लिए अपडेट किया जा चुका है. इसके बाद केवल एक QR स्कैन से पहचान सत्यापन किया जा सकेगा जिससे पूरी प्रक्रिया और अधिक तेज़ और सरल बन जाएगी.
e-Aadhaar मोबाइल ऐप से घर बैठे करें डिटेल्स अपडेट
UIDAI जल्द ही एक नया आधार मोबाइल ऐप भी लॉन्च करेगा जिससे उपयोगकर्ता अपने नाम, पता और जन्मतिथि जैसी निजी जानकारी को सीधे मोबाइल से अपडेट कर सकेंगे. अब इन कार्यों के लिए आधार सेवा केंद्रों पर जाने की आवश्यकता नहीं होगी. यह ऐप यूजर्स को दस्तावेज़ों की फिजिकल कॉपी देने की झंझट से भी छुटकारा दिलाएगा और अपडेट की पूरी प्रक्रिया पेपरलेस और सुविधाजनक हो जाएगी.
नवंबर 2025 से लागू होंगे नए नियम
UIDAI के अनुसार, नवंबर 2025 से केवल बायोमेट्रिक अपडेट (जैसे फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन) के लिए ही आधार सेवा केंद्रों पर जाना पड़ेगा. बाकी सभी बदलाव नाम, पता, जन्मतिथि आदि ऐप से ही किए जा सकेंगे. इसके साथ ही, UIDAI एक ऐसी प्रणाली पर काम कर रहा है जो यूजर्स की जानकारी को सीधे सरकारी डेटाबेस से प्रमाणित करेगी. इनमें जन्म प्रमाणपत्र, पैन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, मनरेगा रिकॉर्ड और बिजली बिल तक शामिल हो सकते हैं.
पहचान की सुरक्षा होगी और मज़बूत
यह नया सिस्टम ना सिर्फ सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि पहचान से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों को भी कम करेगा. QR आधारित वेरीफिकेशन को अभी कुछ उप-रजिस्ट्रार कार्यालयों और होटल इंडस्ट्री में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में टेस्ट किया जा रहा है जिससे यह पता चले कि यह सिस्टम कितना सुरक्षित और प्रभावी है. इसमें यूजर की जानकारी तभी साझा की जाएगी जब वह स्पष्ट सहमति देगा जिससे प्राइवेसी को भी पूरी तरह सुरक्षित रखा जा सके.
बच्चों के आधार अपडेट पर भी खास ध्यान
UIDAI अब स्कूली बच्चों के लिए बायोमेट्रिक अपडेट अभियान भी चला रहा है. इसके तहत CBSE जैसी बोर्ड्स के साथ मिलकर 5 से 7 वर्ष और 15 से 17 वर्ष के बच्चों की बायोमेट्रिक जानकारी अपडेट की जाएगी ताकि उनका आधार रिकॉर्ड समय के अनुसार अद्यतित बना रहे.
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