Nurses protest in AMU: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के जेएन मेडिकल कॉलेज में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ ने अपने लंबित वेतनवृद्धि, खराब कार्यस्थितियों और प्रशासनिक उपेक्षा के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया है. प्रदर्शनकारी नर्सों का कहना है कि वर्ष 2016 के बाद से उनके वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है, और उन्हें मूलभूत सुविधाओं से दूर रखा गया है.
दरअसल पूरा मामला जिला अलीगढ़ का है, जहां देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में शुमार AMU के जेएन मेडिकल कॉलेज में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ अपने अधिकारों और सुविधाओं को लेकर वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी नर्सों ने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने उनकी मांगों को लंबे समय से नजरअंदाज किया है और उनकी स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है.
वेतनवृद्धि पर वर्षों से चुप्पी
नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि वर्ष 2016 के बाद से अब तक उनके वेतन में कोई वृद्धि नहीं हुई है. जहां देशभर में महंगाई लगातार बढ़ रही है, वहीं AMU की नर्सें आज भी सात-आठ साल पुराने वेतनमान पर काम करने को मजबूर हैं. प्रदर्शन में भाग ले रहीं एक वरिष्ठ नर्स ने बताया, “हमने कई बार प्रशासन को ज्ञापन सौंपे हैं, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिलता है, कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.” उनका कहना है कि बार-बार प्रशासन को पत्र भेजने और संवाद की कोशिशों के बावजूद वेतनवृद्धि की मांग को दरकिनार कर दिया गया है. इस रवैये से न केवल कर्मचारियों में आक्रोश है, बल्कि इससे संस्थान की कार्यक्षमता और मरीजों को मिलने वाली सेवा पर भी असर पड़ रहा है.
वेतन के अलावा नर्सिंग स्टाफ ने कार्यस्थल पर सुविधाओं की भारी कमी की भी शिकायत की है. उनका कहना है कि वर्तमान में एक नर्स को एक समय में दर्जनों मरीजों की देखभाल करनी पड़ती है, जिससे गुणवत्तापूर्ण सेवा देना मुश्किल हो जाता है. “हम दिन-रात मरीजों की सेवा करते हैं, लेकिन हमारे लिए एक चाय पीने की जगह तक नहीं है. न रेस्ट रूम है, न ही अन्य सुविधाएं,” उन्होंने आगे बताया कि कई बार डबल शिफ्ट में काम करने के बाद भी उन्हें ना तो अतिरिक्त भुगतान मिलता है और ना ही कोई मानसिक स्वास्थ्य या पुनर्वास सुविधा. नर्सों का यह भी आरोप है कि संस्थान में उनके लिए न कोई सेफ्टी मेजर है, न ही किसी प्रकार का मनोवैज्ञानिक सहयोग.
प्रशासन की उदासीनता पर सवाल
नर्सिंग स्टाफ ने आरोप लगाया है कि उन्होंने बीते वर्षों में कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन को अपनी समस्याओं से अवगत कराया है, लेकिन हर बार केवल टाल-मटोल कर दिया गया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनके पत्रों का या तो जवाब नहीं दिया जाता, या फिर उन्हें भविष्य में समाधान का भरोसा देकर चुप करा दिया जाता है. कई बार हमने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रखीं, लेकिन अब हमारे सब्र का बांध टूट चुका है. नर्सों का कहना है कि वे अब बड़ा आंदोलन करने की योजना बना रही है. यदि उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया.
इस प्रदर्शन का असर विश्वविद्यालय की छवि पर भी पड़ सकता है. AMU एक अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त विश्वविद्यालय है और इसके अंतर्गत आने वाला जेएन मेडिकल कॉलेज उत्तर भारत के प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों में से एक माना जाता है. यदि नर्सिंग स्टाफ की समस्याओं को अनदेखा किया गया, तो यह न केवल संस्थान के भीतर स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित करेगा, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी संस्थान की साख को नुकसान पहुंचा सकता है. छात्रों और मरीजों में चिंता प्रदर्शन का असर छात्रों और मरीजों पर भी दिखने लगा है. मेडिकल कॉलेज के कई छात्र इस प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं. उनका कहना है कि नर्सिंग स्टाफ संस्थान की रीढ़ हैं और उनकी उपेक्षा से पूरे चिकित्सा तंत्र पर असर पड़ेगा. वहीं मरीजों के परिजनों में भी इस प्रदर्शन को लेकर चिंता है कि कहीं इलाज की गुणवत्ता पर असर न पड़े.
नर्सिंग स्टाफ ने प्रोफेसर को मांग पत्र सौंपा
नर्सिंग स्टाफ के द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को एक मांग पत्र सौंपा है. जिसमें उनके द्वारा कार्रवाई की मांग की है. नर्सों की मांगें है कि वर्ष 2016 से लंबित वेतनवृद्धि को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए. नर्सिंग स्टाफ के लिए बेहतर कार्यस्थल सुविधाएं, जैसे रेस्ट रूम, साफ-सफाई, और सुरक्षा. प्रति नर्स पर मरीजों की संख्या को सीमित किया जाए ताकि सेवा की गुणवत्ता बनी रहे.
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