AMU में फीस वृद्धि को लेकर बवाल, पुलिस ने कई छात्रों को लिया हिरासत में, छात्र बोले- ‘दूसरा काला दिन’

by Carbonmedia
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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक बार फिर फीस वृद्धि के खिलाफ छात्रों के धरना-प्रदर्शन को लेकर सुर्खियों में है. शुक्रवार को परिसर में पुलिस के प्रवेश और दो छात्रों की हिरासत के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई. छात्रों ने इसे एएमयू के इतिहास में दूसरा ‘काला दिन’ करार दिया, जिसकी तुलना 15 दिसंबर 2020 की घटना से की जा रही है. पुलिस ने बढ़ते तनाव को देखते हुए दोनों छात्रों को तत्काल रिहा कर दिया, लेकिन छात्र नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो बड़ा प्रदर्शन होगा.
दरअसल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नए शैक्षणिक सत्र के लिए फीस में 15-36% की वृद्धि के खिलाफ छात्र पिछले एक सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों का आरोप है कि यह वृद्धि बिना किसी पूर्व सूचना के लागू की गई, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि के छात्रों पर भारी बोझ पड़ा है.
बाब-ए-सय्यद गेट पर नमाज की कोशिश
शुक्रवार को बाब-ए-सय्यद गेट के पास छात्रों ने जुमे की नमाज अदा करने की कोशिश की, जिसे प्रशासन और पुलिस ने रोका. इस दौरान सिविल लाइंस थाने की पुलिस ने परिसर में प्रवेश किया और दो छात्रों को हिरासत में ले लिया. छात्रों ने “अलीगढ़ पुलिस गो बैक” और “प्रशासन शर्म करो” के नारे लगाए. स्थिति तनावपूर्ण होने पर पुलिस ने दोनों छात्रों को रिहा कर दिया.
छात्रों का आरोप है कि प्रॉक्टरियल टीम ने उनके साथ बदसलूकी की और प्रशासन उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रहा. प्रदर्शनकारी फीस वृद्धि वापस लेने और बदसलूकी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
छात्र नेताओं का बयान
एएमयू के छात्र नेता मोहम्मद आरिफ ने कहा कि पिछले एक हफ्ते से हम दो मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. फीस वृद्धि वापस हो और प्रॉक्टरियल टीम की बदसलूकी पर कार्रवाई हो, लेकिन प्रशासन ने परिसर में पुलिस बुलाकर हमारी आवाज दबाने की कोशिश की. दो छात्रों को हिरासत में लिया गया, जो बर्दाश्त नहीं है. कुछ अधिकारी वीसी तक आधी-अधूरी बात पहुंचा रहे हैं, जबकि वीसी नईमा खातून हमारी मांगें मानने को तैयार हैं.
उन्होंने आगे कहा कि 15 दिसंबर 2020 के बाद आज  एएमयू के इतिहास का दूसरा काला दिन है. यदि हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो केंद्रीय विश्वविद्यालय की हर सड़क पर प्रदर्शन होगा.
सड़कों पर नमाज प्रतिबंधित
एएमयू के प्रॉक्टर वसीम अली ने मामले पर सफाई देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार सड़कों पर नमाज अदा करना प्रतिबंधित है. कुछ छात्र जबरन बाब-ए-सय्यद गेट पर नमाज पढ़ने की कोशिश कर रहे थे, जिसे रोकने के लिए स्थानीय पुलिस की मदद ली गई. यह कदम कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया.
प्रॉक्टर ने यह भी दावा किया कि फीस वृद्धि 15-20% के बीच है और इसका उद्देश्य बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सेवाओं, और अन्य सुविधाओं को बेहतर करना है.
छात्रों की मांगें और विवाद
छात्रों की दो प्रमुख मांगें हैं:

फीस वृद्धि वापस लेना: छात्रों का कहना है कि 36% तक की फीस वृद्धि उनके लिए असहनीय है, खासकर उन छात्रों के लिए जो आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से हैं.
प्रॉक्टरियल टीम पर कार्रवाई: छात्रों ने प्रॉक्टरियल टीम पर बदसलूकी और शारीरिक बल प्रयोग का आरोप लगाया है, जिसमें एक छात्रा के बेहोश होने की घटना भी शामिल है.

छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि 2019 से एएमयू में छात्रसंघ निष्क्रिय होने के कारण उनकी आवाज को दबाया जा रहा है.

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