APMC शिमला में लाइसेंस रिन्यू करने में गड़बड़ी:प्राइवेट मंडी के आढ़ती से वसूली मार्केट-फीस, वेजिटेबल पर नहीं लगता शुक्ल, फिर भी 30 हजार लिए

by Carbonmedia
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हिमाचल की कृषि उपज विपणन समिति (APMC) शिमला-किन्नौर पर कमीशन एजेंट के लाइसेंस रिन्यू करने और दुकानों के आवंटन में गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं। प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी की पुष्टि के बाद सरकार ने APMC सेक्रेटरी और सीनियर असिस्टेंट को पदों से हटा दिया है। सूत्र बताते हैं कि ठियोग क्षेत्र में रोड साइड आढ़त का काम करने वाले एक कमीशन एजेंट से APMC अधिकारियों ने 30 हजार रुपए मांगे। आढ़ती ने इसकी शिकायत सीधे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से की। मुख्यमंत्री के ध्यान में जब मामला आया तो CM ने उसी वक्त भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए APMC सेक्रेटरी पवन सेनी और सीनियर असिस्टेंट यशपाल को ट्रांसफर किया। सीएम ने APMC को जबरदस्त फटकार भी लगाई है और जांच के आदेश दिए है। मुख्यमंत्री के संज्ञान लेने के बाद मार्केटिंग बोर्ड ने दुकानों के आवंटन और आढ़ती की 30 हजार रुपए की रसीद से जुड़ा रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया है। अब आगामी कार्रवाई के लिए सेक्रेटरी APMC के जवाब का इंतजार होल रहा है। जांच हुई तो कइयों पर गिरेजी गाज कृषि सचिव सी पालरासू ने बताया, सेक्रेटरी APMC को शॉ-कॉज नोटिस भेजा गया है। उनका जवाब आने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी। सब्जी के कारोबार पर नहीं लगती मार्केट फीस सूत्र बताते हैं कि यदि इस मामले में निष्पक्ष जांच हुई तो कई अधिकारी लपेटे में आ सकते हैं, क्योंकि CM के ध्यान में मामला आने के बाद आढ़ती से लिए पैसे को सरकारी दिखाने के लिए बाकायदा एक रसीद वॉट्सऐप की गई, जिस वक्त आढ़ती ने पैसा दिया उस दौरान कोई रसीद नहीं दी गई। आढ़ती को दी गई रसीद में मार्केट फीस का हवाला दिया गया, जबकि सरकारी मंडियों से बाहर प्राइवेट यार्ड में सब्जी का काम करने वाले आढ़तियों पर मार्केट फीस नहीं लगती है। 3 मंडियों में दुकानों के आवंटन में गड़बड़ी सूत्र बताते हैं कि पराला, शिलारू और टुटू मंडी में इस बार कुछ दुकानें भी ऑक्शन की गई है। इनमें भी APMC अधिकारियों पर बड़े स्तर पर गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं। ऐसे में इन आरोपों की जांच होना जरूरी है। पारदर्शिता से दुकानों का आवंटन: चेयरमैन APMC चेयरमैन देवा नंद ने कहा, सरकार को कुछ डाउट क्रिएट हुआ होगा, इसलिए सेक्रेटरी और सीनियर असिस्टेंट को ट्रांसफर किया है। उन्होंने कहा, लाइसेंस की रिन्यूअल फीस 310 रुपए है। आढ़ती से जब कागज मांगे गए थे, कागज नहीं दिखाने पर मार्केट फीस के 30 हजार मांगे गए होंगे। उन्होंने कहा कि APMC ने पूरी पारदर्शिता के साथ दुकानों का आवंटन किया है। BJP ने गड़बड़ी की जांच मांगी वहीं, BJP के प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा, कांग्रेस के शासनकाल में APMC शिमला-किन्नौर में अराजकता का माहौल खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा, मंडियों में दुकानों के आवंटन में बड़ा गड़बड़झाला हुआ है। इसमें कई अनियमितताएं बरती गई है। उन्होंने कहा, नियमों को ताक पर रखकर 120 से 150 दुकानों का आवंटन किया गया। उन्होंने कहा, कुछ लेन-देन के बाद ही दुकानों का आवंटन किया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री सुक्खू से इस मामले की जांच की मांग की है।

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