राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी गुरुवार (10 जुलाई) को जोधपुर दौरे पर रहे. इस दौरान बीजेपी नेता और कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया. सर्किट हाउस में मीडिया से बात करते हुए बिहार चुनाव सहित कई मुद्दों पर वासुदेव देवनानी ने अपनी राय रखी. वहीं, पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार भी किया.
वासुदेव देवनानी ने कहा कि अशोक गहलोत को उनकी पार्टी ही सीरियस नहीं लेती है. विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने 12वीं कक्षा की किताब में कांग्रेस नेताओं के महिमामंडन को लेकर कहा कि इसको लेकर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने किताबों पर रोक लगा दी है.
देवनानी ने कहा कि वह भी पूर्व में भी शिक्षा मंत्री रह चुके हैं. उस दौरान अकबर महान का चैप्टर हटाकर बच्चों को महाराणा प्रताप महान का लेसन पढ़ाया गया.
संविधान में ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द पर आपत्तिविधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी ने आपातकाल के दौरान संविधान में जोड़े गए ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवाद’ जैसे शब्दों पर चर्चा करते हुए कहा कि ये मूल संविधान का हिस्सा नहीं थे. ऐसे में अब समय आ गया है कि आपातकाल के संशोधनों में बदलाव किया जाए. आपातकाल को देश की जनता ने नकार दिया है.
अशोक गहलोत पर जमकर साधा निशानापूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा उन्हें सीएम पद की दौड़ में बताए जाने पर उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “गहलोत जी की बात को उनकी खुद की पार्टी गंभीरता से नहीं लेती. अब उनकी उम्र भी हो गई है, इसलिए क्या कहते हैं, इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. वो केवल मीडिया में बने रहने के लिए बयान देते हैं.”
मीडिया और न्यायपालिका पर दबाव को लेकर अशोक गहलोत के बयान पर भी प्रतिक्रिया देते हुए देवनानी ने कहा, “हम केवल संविधान के दबाव में काम करते हैं, किसी अन्य के दबाव में नहीं. जो बार-बार कहते हैं कि संविधान खतरे में है, उनके नेता विदेशों में जाकर संविधान के विपरीत बयान कैसे दे सकते हैं?”
Ashok Gehlot News: ‘अशोक गहलोत को उनकी ही पार्टी…’, सीएम रेस में होने का दावा करने पर वासुदेव देवनानी का तंज
4