SpaceX spacecraft: भारत एक बार फिर अंतरिक्ष की ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है. देश की नजरें टिकी हैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला पर, जो चार दशकों बाद भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बनने जा रहे हैं. जैसे-जैसे लॉन्च का समय नजदीक आ रहा है, टीवी स्क्रीन पर स्पेसएक्स के अंतरिक्ष यान की झलकियां उत्साह को और बढ़ा रही हैं. यह ऐतिहासिक उड़ान भारत की वैज्ञानिक क्षमता का प्रतीक है.
कहां से होगा प्रक्षेपणस्पेसएक्स का क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान, फाल्कन-9 रॉकेट के ज़रिए अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से दोपहर 12:01 बजे उड़ान भरेगा. यही वह ऐतिहासिक स्थान है, जहां से 1969 में नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने अपोलो-11 मिशन के तहत चंद्रमा के लिए उड़ान भरी थी. इस मिशन में भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के साथ पोलैंड के स्लावोश उज्नांस्की-विस्न्येवस्की, हंगरी के तिबोर कापू और अमेरिका की अनुभवी कमांडर पेगी व्हिटसन शामिल हैं.
1984 के बाद दूसरी बार भारत का अंतरिक्ष में प्रतिनिधित्वग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के अनुभवी पायलट हैं, और राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले भारत के दूसरे नागरिक बनेंगे. राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत मिशन के अंतर्गत उड़ान भरी थी. शुक्ला को मिशन से पहले एक महीने से ज्यादा समय तक कड़े क्वारंटीन में रखा गया ताकि उनकी सेहत पूरी तरह सुरक्षित रहे.
वैज्ञानिक मिशन और भारत की हिस्सेदारीयह सिर्फ एक यात्रा नहीं बल्कि 15 दिन का एक वैज्ञानिक मिशन है – “एक्सियम-4 मिशन”. इस दौरान कुल 60 वैज्ञानिक प्रयोग किए जाएंगे, जिनमें 7 भारत द्वारा प्रस्तावित हैं. यह भारत की वैज्ञानिक सोच और वैश्विक शोध में योगदान का प्रमाण है. मिशन अंतरराष्ट्रीय सहयोग और तकनीकी साझेदारी का बेहतरीन उदाहरण है.
देरी के बाद आज तय हुआ लॉन्चमिशन को मौसम और तकनीकी समस्याओं के चलते पहले ही पांच बार टालना पड़ा. अब नासा ने 25 जून की तारीख तय की है, जो इसकी छठी घोषित तिथि है. शुभांशु शुक्ला ने मीडिया से कहा, “मैं अपने साथ सिर्फ वैज्ञानिक उपकरण नहीं, बल्कि एक अरब दिलों की उम्मीदें और सपने लेकर अंतरिक्ष की ओर जा रहा हूं.”
Axiom-4 मिशन: स्पेस में उड़ान भरने से पहले शुभांशु शुक्ला की सामने आई पहली तस्वीर, देखें
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