बांका में मध्याह्न भोजन के चावल में मरी हुई छिपकली निकलने के बावजूद छात्रों को वही चावल और सोया बरी खिलाने के सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. खाना खाने के बाद एक सरकारी विद्यालय के 15 छात्रों की तबीयत बिगड़ने लगी. तब सभी बच्चों को सदर अस्पताल बांका में एडमिट कराया गया.
सभी बच्चे खतरे से बाहर
सभी बच्चों का उपचार चल रहा है और सभी खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं. घटना मंगलवार की दोपहर जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय गोरवा मारन की है. जानकारी होने के बाद बांका बीडीओ सहित शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारी भी स्कूल पहुंचे थे और कोशिश थी कि इस मामले को विद्यालय में ही दबा दिया जाए, लेकिन शाम होते-होते बात फैल गई.
दरअसल गोरवा मारन गांव के 15 छात्रों की तबीयत एकाएक खराब हो गई, जिससे सिर में दर्द, उल्टी सहित अन्य परेशानी होते ही बच्चों के परिजन बच्चों को लेकर बांका सदर अस्पताल पहुंचे, फिलहाल सदर अस्पताल में शिक्षा विभाग से जुड़े लोग मौजूद हैं, लेकिन वे कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे हैं.
विद्यालय की छात्रा उषा की मानें तो उसके प्लेट में ही चावल में मरी हुई छिपकली निकली थी, जिसे विद्यालय की शिक्षिका ने निकाल कर फेंक देने के बाद सभी बच्चों से वहीं खाना खाने को बोला. बच्चे जब अपने घर लौटे तो परिजनों को छिपकली गिरे हुए खाना खाने की बात बताई, तब परिजनों ने भी विद्यालय पहुंचकर काफी हो-हंगामा किया था.
विद्यालय प्रबंधन पर परिजन का आरोप
वहीं परिजनों का कहना है कि विद्यालय प्रबंधन के गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण ही ऐसी घटना हुई है. परिजन छिपकली गिरा भोजन खाने के बाद ही उनके बच्चों की तबीयत बिगड़ने की बात कर रहे हैं. वहीं बांका के धर्मरक्षक मनीष कुमार ने बताया कि इस प्रकार की घटना के लिए शिक्षा विभाग दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे अन्यथा एक ऐसा आंदोलन खड़ी होगा, जो शिक्षा विभाग में फैली हुई हर कुव्यवस्था के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करेगा.
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