Barabanki News: वाह रे यूपी: मौजूदा प्रधान महिला लेकिन प्रधानी कर रहा है पूर्व प्रधान

by Carbonmedia
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Barabanki News: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में आरक्षण के बाद गांव की मुखिया सुनीता ‘प्रधान’ तो बन गई लेकिन प्रधानी पूर्व प्रधान राजेश उर्फ मन्ना वर्मा चलाते है. प्रधान हुए सुनीता को 5 वर्ष पूरे होने वाले है लेकिन अनुसूचित जाति की महिला प्रधान की आर्थिक स्थिति ठीक नहींं है जबकि ग्राम पंचायत निधि का करोड़ों रुपए का खजाना खर्च हो चुका है. गांव के मनीष गुप्ता नोखेलाल बताते है गांव में विकास कार्य नहींं दिखता काम भी नहींं दिखता क्योंकि प्रधानी गांव के ही पूर्व प्रधान राजेश उर्फ मन्ना देखते है. मौजूदा ग्राम प्रधान सुनीता की माली हालत ठीक नहींं है.
मौजूदा प्रधान टीन शेड में अपने पूरे परिवार के साथ रहती हैं. लोकतंत्र की पहली सीढ़ी कही जाने वाली ग्राम पंचायतों में पंचायतीराज मंत्रालय द्वारा दिए गए आरक्षण का कितना लाभ अनुसूचित जाति, और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को मिल पा रहा है हकीकत जानना हो तो बाराबंकी की ग्राम पंचायत शिवनाम को देख लीजिए सुनीता तो गांव की मुखिया ग्राम प्रधान हैं लेकिन प्रधानी के अधिकार पूर्व प्रधान के पास है. 
ग्राम पंचायत निधि से इन 5 सालों में करोड़ो रूपये खर्च हो गए,मनरेगा योजना में तालाबों में खुदाई के नाम पर बड़ा बजट खर्च हुआ लेकिन आज भी तालाब सूखे पड़े हैं. गांव की सड़कों से लोगो का चलना दुश्वार है ,गांव में नाली खड़ंजा और साफ सफाई व्यवस्था चौपट है. आपको जानकारी होगी ग्राम पंचायत में सबसे ऊंचा पद प्रधान का होता हैं. आम भाषा में, मुखिया का मतलब सबसे बड़ा व्यक्ति होता है, सुनीता ग्राम पंचायत शिवनाम की मुखिया है जिनका काम है ग्राम पंचायत को संभालना. गाँव के लोगों की समस्याओं को हल करने में समर्थ होना लेकिन उनके पास ही बहुत बड़ी बड़ी समस्या है तो वह लोगों की समस्याएं कैसे हल करे. 
सुनीता ने किया चौंकाने वाला खुलासाबातचीत के दौरान ग्राम प्रधान सुनीता ने बताया ‘हमारा नाम सुनीता है हम ज्यादा कुछ तो नहींं जानते हैं लेकिन ये पता है हम शिवनाम पंचायत की प्रधान हैं, हम गांव में इतना तो नहींं जाते लेकिन हमारे पति जाते रहते हैं. उन्होंने आगे कहा इस बात को सब जानते ही हैं कि प्रधानी राजेश वर्मा ही करते हैं वही सबकुछ जानते भी है. हम तो ज्यादा कुछ जानते नहींं है प्रधान तो है लेकिन उनसे ज्यादा नहीं जानते आय जाति प्रमाणपत्र हमारे पति बनवाने जाते हैं,हम गांव के प्रधान हैं.
गांव के गोविंद ,राजन पांडेय के अलावा नोखेलाल और मनीष गुप्ता ने बताया कि पंचायत में कोई जनता के हित में कार्य नहींं हुए वही नोखेलाल रावत ने ग्राम पंचायत में किए गए भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्य विकास अधिकारी से शिकायत की है उन्होंने बताया ’87 लोग मनरेगा में लगे है ताल में ज्यादा लेबर लगाकर पैसे निकाल लिए जाते है कुछ लोग जाकर पिपरमिंट पेराते है और नरेगा में हाजिरी लगाकर पैसे निकाल लिए जाते है 11 तारीख से काम चल रहा है.
गांव में नहींं हुआ कोई विकासअभी तक इन लोगों के खातों में पैसे नहीं आये जांच तीन ब्लॉक से आई थी अभी कुछ जांच नहीं हुई , बेनीगंज का पिछला रास्ता है जाने के लिए खड़ंजा लगाया गया है जहां जर्जर था वहाँ खड़ंजा नहीं लगाया गया जो खड़ंजा अच्छा था उसे निकाल कर हटा दिया गया जो ईंट निकला उसे प्रधान महोदय ने घर मे लगा लिया 7 हजार नया ईंटा लगा दिया खड़ंजे के दोनों ओर साइड नहीं भरी गयी नाली बनाने को कहा गया नाली नहीं बनी पहले जो खड़ंजा लगा था उससे बेकार हो गया सुनीता प्रधान है उनको कुछ मालूम नहीं है उनकी आड़ से अन्य लोग कमा खा रहे है कसकर पैसे निकाल रहे है हमारे गांव शिवनाम में विकास होना चाहिए था विनाश कर दिया’
वहीं गांव के मनीष गुप्ता का कहना है ‘मैं बीडीसी प्रतिनिधि हूँ कोई जानकारी नहीं हो पाती है आपस मे मिलकर सब साइन करवा लेते है जिनको फायदा होता है.’ फिलहाल गांव में निकाले गए पंचायत निधि के करोड़ो रुपए के धांधली की शिकायत पर मुख्य विकास अधिकारी अन्ना सुदन ने DC मनरेगा को जांच सौंपी है वही DC मनरेगा त्रिपाठी ने बताया कि विकास खण्ड त्रिवेदीगंज की खंड विकास अधिकारी प्रियंका सिंह को जांच के लिए लगाया गया है जांच रिपोर्ट आने पर कार्यवाही होगी अगर जांच में लोग संतुष्ट नहींं हुए तो दूसरे एजेंसी से जांच करवाएंगे

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