BCCI and Apollo Tyres Contract: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने टीम इंडिया की जर्सी के लिए नया स्पॉन्सर ढूंढ लिया है. बीसीसीआई ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया हैंडल से अपोलो टायर्स के साथ कॉन्ट्रेक्ट को कंफर्म कर दिया है. बीसीसीआई और अपोलो टायर्स के बीच ये कॉन्ट्रेक्ट ढाई साल का हुआ है. टीम इंडिया की जर्सी पर अपोलो टायर्स का नाम मार्च 2028 तक रहेगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये डील करीब 579 करोड़ रुपये में हुई है.
स्पॉन्सरशिप के लिए इन कंपनियों ने लगाई बोली
एशिया कप के लिए अपोलो टायर्स के अलावा कैनवा (Canva) और जेके सीमेंट्स (JK Cements) भी नीलामी में शामिल हुए. जेके सीमेंट्स की तरफ से जहां 477 करोड़ की बोली लगाई गई, वहीं कैनवा ने 544 करोड़ रुपये लगाए. लेकिन बीसीसीआई की डील अपोलो टायर्स के साथ 579 करोड़ रुपये में फाइनल हुई. इससे पहले बीसीसीआई और ड्रीम 11 के बीच 3 साल का कॉन्ट्रेक्ट 358 करोड़ रुपये में हुआ था.
क्यों चेंज हुआ टीम इंडिया का स्पॉन्सर?
टीम इंडिया की जर्सी पर पहले ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म ड्रीम 11 (Dream 11) का नाम था. लेकिन भारत सरकार ने मनी ऑनलाइन गेमिंग पर नया कानून बनाया है, जिसके चलते ऑनलाइन मनी गेम चलाने पर और इसका प्रचार करने पर जुर्माना लगेगा और इसके साथ ही ऐसा करने वालों को जेल की सजा भी काटनी पड़ सकती है. इसी वजह से बीसीसीआई ने ड्रीम 11 के साथ कॉन्ट्रेक्ट पूरा करने से पहले ही डील बीच में ही खत्म कर दी.
एशिया कप में कौन है स्पॉन्सर?
बीसीसीआई और ड्रीम 11 के बीच ये कॉन्ट्रेक्ट एशिया कप 2025 से कुछ दिन पहले ही खत्म हुआ था. इस वजह से टीम इंडिया की जर्सी पर एशिया कप में किसी भी स्पॉन्सर का नाम नहीं लिखा है. बीसीसीआई ने 16 सितंबर तक टीम इंडिया के स्पॉन्सर के लिए आवेदन की आखिरी तारीख रखी थी और आज ही अपोलो टायर्स का नाम बोर्ड ने फाइनल कर दिया है.
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BCCI और Apollo Tyres के बीच कितने साल का हुआ कॉन्ट्रेक्ट? कितने करोड़ में फाइनल हुई डील?
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