UP News: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में शोध प्रवेश परीक्षा में अनियमितता के बाद अब एक नया मामला काफी सुर्खियों में है. दरअसल काशी हिंदू विश्वविद्यालय द्वारा निकाले एक नोटिफिकेशन के अनुसार योग से जुड़े सर्टिफिकेट कोर्स के लिए दिव्यांग अभ्यर्थियों को योग्य नहीं माना गया है. अब इस मामले के बाद न केवल अभ्यर्थी नाराज नजर आ रहे हैं, बल्कि विभागीय मंत्री को भी इस मामले में पत्र लिखकर संज्ञान लेने के लिए निवेदन किया गया है.
योग वाले सर्टिफिकेट कोर्स के लिए दिव्यांग योग्य नहीं!
काशी हिंदू विश्वविद्यालय द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है, जिसमें जुलाई में आरंभ होने वाले चातुर्मासिक अंशकालीन योग सर्टिफिकेट कोर्स के लिए अभ्यर्थियों से आवेदन पत्र आमंत्रित किया गया है. अधिसूचना में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि दिव्यांग अभ्यर्थी प्रवेश के योग्य नहीं होते है. अब इसी मामले को लेकर न सिर्फ कुछ अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताई है बल्कि केंद्रीय सलाहकार बोर्ड के पूर्व सदस्य डॉक्टर उत्तम ओझा की तरफ से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार को पत्र लिखकर संज्ञान लेने के लिए भी निवेदन किया गया है.
पूरी तरह से अयोग्य कहना यह कैसा न्याय
इस मामले में जब एबीपी न्यूज ने पत्र लिखने वाले केंद्रीय सलाहकार बोर्ड के पूर्व सदस्य डॉ. उत्तम ओझा से बातचीत की तो उनका कहना है कि अनेक ऐसे दिव्यांगजन अभ्यर्थी भी हैं जो मामूली चोट और दुर्घटना की वजह से भी इस श्रेणी में आते हैं. लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि वह योग की सभी क्रियाओं को करने में सक्षम ना हो. यह उनके साथ पूरी तरह अन्य होगा, ऐसे अभ्यर्थियों को भी योग सर्टिफिकेट प्राप्त करने का अधिकार है.
इस प्रकार से विज्ञापन जारी करके सभी को योग के सर्टिफिकेट कोर्स के लिए अयोग्य घोषित कर देना बिल्कुल भी उचित नहीं है. और इसीलिए हमने केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार को पत्र लिखकर इस मामले में संज्ञान लेने के लिए कहा है जिससे सभी अभ्यर्थियों के साथ न्याय हो सके. वहीं इस मामले में जब एबीपी न्यूज़ ने योग साधना केंद्र के समन्वक प्रो. राजाराम शुक्ल से पूछा तो उन्होंने कहा कि यह मामला संज्ञान में आया है, इस मामले की जांच की जा रही है.