शिक्षा की राजधानी कहे जाने वाले वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में एक्जीक्यूटिव काउंसिल का गठन किया गया है, इसमें कुल 8 सदस्यों को नामित किया गया है. हालांकि एग्जीक्यूटिव काउंसिल कांग्रेस पार्टी की तरफ से आरोप लगाया गया है कि इसमें उन बीजेपी नेताओं को जगह दी गई है, जो सीधे तौर पर शिक्षाविद जैसे क्षेत्रों से नहीं जुड़े हैं. ऐसे में विश्वविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था को चुनौती देते हुए संघ की विचारधारा को प्रभावी बनाया जा रहा है.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक्जीक्यूटिव काउंसिल का गठन किया गया, जिसमें कुल 8 सदस्यों को नामित किया गया है. इसमें डॉ.महेंद्र नाथ पांडे, अशोक तिवारी, दिलीप पटेल, दिल्ली यूनिवर्सिटी के योगेश सिंह BHU प्रोफेसर ओम प्रकाश भारतीय, प्रो. श्वेता प्रसाद, प्रो. बेचन लाल, प्रो. उदय प्रताप शाही शामिल है. इन नामों में तीन भारतीय जनता पार्टी के भी नेता शामिल है जिसके बाद कांग्रेस पार्टी वाराणसी से लेकर दिल्ली तक केंद्र सरकार पर हमलावर है.
आरएसएस विचारधारा हावी होने देना चाहती है बीजेपी – अजय राज
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एक्जीक्यूटिव काउंसिल में तीन बीजेपी नेताओं को भी नामित किया गया है जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडे, काशी के महापौर अशोक तिवारी और काशी क्षेत्र अध्यक्ष दिलीप पटेल का नाम शामिल है. इसको लेकर कांग्रेस नेता अजय राय सोशल मीडिया से लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल तक पूरी तरह हमलावर है.
कांग्रेस नेता अजय राय का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी आरएसएस की विचारधारा को बीएचयू में हावी होने देना चाहती है. जिसकी वजह से उन्होंने शिक्षाविद से ना जुड़े हुए बल्कि एक पार्टी से जुड़े हुए नेताओं को इस एग्जीक्यूटिव काउंसिल में स्थान दिया है.
BHU को आरएसएस का अड्डा नहीं बनने देंगे- अजय राय
उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट करते हुए लिखा है कि – BHU जैसे अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में अब शिक्षाविद नहीं, RSS के नेता बैठाए जा रहे हैं.महेंद्र नाथ पांडेय, दिलीप पटेल, अशोक तिवारी—ये कौन से शिक्षा और शोध के स्तंभ हैं? देश में हजारों योग्य प्रोफेसर, वैज्ञानिक, पद्म सम्मानित विद्वान हैं. लेकिन RSS को सिर्फ अपने नेताओं को उपकृत करना है. BHU को RSS का अड्डा नहीं बनने देंगे.
BHU में एग्जीक्यूटिव काउंसिल के गठन पर विवाद, अजय राय बोले- ‘RSS का अड्डा बनाना चाहती है बीजेपी’
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