Bihar: चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव के दावों को किया खारिज, कहा- ‘दरभंगा का वीडियो भ्रामक’

by Carbonmedia
()

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने दरभंगा में बीजेपी की एक महिला नेत्री पर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया गया था. उसे लेकर चुनाव आयोग ने स्पष्टीकरण जारी किया है. आयोग ने वीडियो में लगाए गए सभी आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया है.
तेजस्वी यादव ने लगाए गंभीर आरोप
तेजस्वी यादव ने हाल ही में एक वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया था कि दरभंगा में बीजेपी की महिला जिला अध्यक्ष कविता कुमारी उर्फ सपना भारती एक मतदान केंद्र पर एसआईआर प्रक्रिया को प्रभावित कर रही थीं. उन्होंने दावा किया कि बीएलओ मतदाताओं के घर नहीं जा रहे, बल्कि लोगों को निर्धारित केंद्रों पर बुलाया जा रहा है. इस पूरे मामले को लेकर तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए.
वीडियो में एक स्थानीय राजनीतिक कार्यकर्ता जमाल हसन को यह कहते सुना गया कि बीजेपी नेता कविता कुमारी मतदाता सूची में हेरफेर करा रही हैं और आम वोटरों को परेशान कर रही हैं. उन्होंने आयोग की भूमिका को संदिग्ध बताया और जांच की मांग की.
आयोग ने जांच के बाद किया खंडन
इस वीडियो और आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्वाचन आयोग ने कहा कि यह वीडियो “सच को तोड़-मरोड़कर पेश करने का प्रयास है.” बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से कराई गई जांच में यह बात सामने आई कि बीजेपी नेत्री कविता कुमारी उस केंद्र पर केवल अपने और अपने परिवार के दस्तावेज जमा कराने गई थीं. उन्होंने नियमानुसार फॉर्म-6 भरा था, जो कि एक वैध प्रक्रिया है.
चुनाव आयोग ने कहा कि कविता कुमारी के खिलाफ किसी भी तरह की अनियमितता या हस्तक्षेप के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं. वहीं, बीएलओ पर लगाए गए लापरवाही के आरोप भी गलत पाए गए. आयोग के अनुसार, बीएलओ द्वारा मतदाताओं से संपर्क करने की प्रक्रिया विधिवत चल रही है.
राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की आशंका
जांच रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वीडियो बनाने वाले जमाल हसन और कविता कुमारी के बीच पहले से राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता है. आयोग का मानना है कि इसी वजह यह वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया ताकि माहौल को भ्रामक बनाया जा सके.
आयोग ने की अपील- मत फैलाएं अफवाह
आयोग ने सभी राजनीतिक दलों और कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे बिना तथ्यों की पुष्टि किए ऐसे भ्रामक वीडियो न फैलाएं. इससे न केवल चुनावी प्रक्रिया पर अविश्वास फैलता है, बल्कि मतदाताओं में भ्रम की स्थिति भी उत्पन्न होती है.

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment