लोकसभा चुनाव 2024 की आहट के साथ ही बिहार में महागठबंधन की रणनीति और सियासी समीकरणों को लेकर हलचल तेज हो गई है. इसी बीच बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने एबीपी न्यूज से बातचीत में सीट शेयरिंग, पप्पू यादव के सवाल, आरजेडी-कांग्रेस के रिश्ते और तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर खुलकर अपनी राय रखी.
गठबंधन की दिशा और सीटों का फॉर्मेट
राजेश राम ने कहा, “हम सरलता और सहजता के साथ सभी मुद्दों पर आगे बढ़ रहे हैं. सीट शेयरिंग का फॉर्मेट पॉजिटिव है. 2020 विधानसभा चुनाव में जितनी सीटों पर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा था, इसी के आस-पास इस बार भी लड़ेगी. दो नए साथी वीआईपी और पशुपति पारस की पार्टी भी अब गठबंधन का हिस्सा है.” उन्होंने दोहराया कि कांग्रेस गठबंधन धर्म का पालन करती है और किसी भी दल के दबाव में नहीं बल्कि साझा विचार और उद्देश्य के साथ आगे बढ़ रही है.
पप्पू यादव जो वर्तमान में निर्दलीय सांसद हैं, पिछले कुछ समय से लगातार कांग्रेस प्रेम दिखाते रहे हैं, लेकिन 9 जुलाई को पटना में संविधान बचाओ रैली के दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ मंच साझा करने के बावजूद उन्हें महागठबंधन के रथ पर चढ़ने नहीं दिया गया, जिससे काफी सियासी सरगर्मी बढ़ी. इसके तुरंत बाद पप्पू यादव ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की, जिसे लेकर अटकलें तेज़ हो गईं. इस पर राजेश राम ने कहा, “पप्पू यादव को लेकर दिल्ली में बैठक हुई थी, जिसमें बिहार के तमाम कांग्रेस नेताओं को बुलाया गया था.
उन्होंने कहा कि बैठक का एजेंडा स्पष्ट था– पप्पू यादव को लेकर पार्टी की स्थिति को लेकर समन्वय. उन्होंने कहा, “अगर कोई हमारी विचारधारा मानता है तो फिर दिक्कत की बात नहीं है. पप्पू यादव के समर्थन से अगर गठबंधन को फायदा होता है, तो नुकसान क्या है?” राजेश राम ने यह भी कहा कि “अगर आरजेडी को कोई आपत्ति होगी, तो हम उन्हें समझाने की कोशिश करेंगे.
आरजेडी की पिछलग्गू बन रही कांग्रेस?
जब उनसे पूछा गया कि आरजेडी कांग्रेस की पिछलग्गू बन रही है? इस सवाल को खारिज करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “जब टिकटें बाहर आएंगी, तब साफ हो जाएगा कि कांग्रेस कितनी मजबूत है. गठबंधन में हैं, लेकिन ‘जो जीता वही सिकंदर’ की भावना के साथ” उन्होंने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस खामियों की पहचान कर सुधार कर रही है और राज्य में वोट प्रतिशत बढ़ाने पर काम कर रही है.
तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर राजेश राम ने कहा, “हमारा गठबंधन एकजुट है. कांग्रेस फ्लेक्सिबिलिटी के साथ चलना चाहती है. हर साथी को सम्मान मिलना चाहिए. यही गठबंधन की खूबसूरती है.
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