बिहार में बड़े पैमाने पर सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों का ट्रांसफर पोस्टिंग की गई है. अब इसकी वजह से कई ऐसे सरकारी विद्यालय हैं, जो शिक्षक विहीन हो गए हैं. वहां से सभी शिक्षकों ने अपना स्थानांतरण करा लिया है. इससे बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. इसे लेकर सोमवार को अपर मुख्य सचिव ने सभी जिला पदाधिकारियों को पत्र लिखा है.
शिक्षकों की प्रतिनियुक्त के दिए गए निर्देश
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने समीक्षा के क्रम में पाया कि राज्य के कुल 29 विद्यालयों में एक भी शिक्षक कार्यरत्त नहीं हैं. राज्य में कुल 354 ऐसे विद्यालय हैं, जहां मात्र एक-एक शिक्षक हैं. शिक्षा विभाग ने सम्बंधित जिलाधिकारियों से कहा है कि इन स्कूलों में तत्काल शिक्षकों को प्रतिनियुक्त कर बच्चों की पढ़ाई को व्यवस्थित किया जाए.
दरअसल राज्य में बड़े पैमाने पर हुए शिक्षकों के स्थानांतरण से राज्य के कई सरकारी विद्यालय बिना शिक्षक के हो गए हैं. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने अपनी समीक्षा में पाया है कि विशेष परिस्थितियों में हुए स्थानांतरण-पदस्थापन की कार्रवाई से कुछ विद्यालय पूरी तरह शिक्षक विहीन हो गए हैं और कई स्कूलों में केवल एक या दो शिक्षक ही रह गए हैं.
छात्र-शिक्षक का अनुपात 40 से अधिक
साथ ही कुछ विद्यालयों में छात्र-शिक्षक का अनुपात भी 40 से अधिक पाया गया है. सोमवार को अपर मुख्य सचिव ने सभी जिला पदाधिकारियों को लिखे अपने पत्र में कहा है कि प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम तीन शिक्षक जरूर उपलब्ध कराएं.
इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिया है कि मध्य विद्यालयों एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की तैनाती की जाए. उन्होने जिलाधिकारियों को अपने स्तर से इसकी समीक्षा कर ऐसे स्कूलों में तत्काल अस्थाई प्रतिनियुक्ति के माध्यम से शिक्षक विहीन विद्यालयों या जहां शिक्षक कम हैं, उसमें शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए.
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Bihar Education System: बिहार में ट्रांसफर पोस्टिंग का साइड इफेक्ट, 29 विद्यालयों में एक भी शिक्षक नहीं, 354 स्कूलों का जानें हाल
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