Bihar News: बिहार में इस साल (2025) विधानसभा चुनाव होने वाला है. इस बीच चुनाव को लेकर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने बिहार में आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल होने को लेकर उत्सुकता दिखाई है. तेजस्वी यादव के ग्रीन सिग्नल का इंतजार है.
एआईएमआईएम के प्रवक्ता आदिल हसन ने मंगलवार (27 मई, 2025) को कहा, “हम महागठबंधन के साथ गठबंधन करने में रुचि रखते हैं. हम इसे लेकर बहुत सकारात्मक हैं. हमारी विचारधारा बीजेपी को हराना और बिहार को सशक्त बनाना है.”
उन्होंने आगे कहा, “2020 में भी पार्टी ने महागठबंधन से गुजारिश की थी. हमारा मकसद बीजेपी को हराना है. बिहार में एनडीए की सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की क्या स्थिति है, यह सर्वविदित है. वर्ष 2014 में बिहार ने एनडीए को 32 सांसद दिए, 2019 में 39 और 2024 में 30 सांसद दिए, लेकिन बीजेपी ने बिहार को कुछ नहीं दिया.”
’गुजरात में हो रहा सभी कंपनियों का निवेश'
एआईएमआईएम के नेता ने कहा कि सभी कंपनियों का निवेश गुजरात में हो रहा है. बिहार के मजदूर वहां जाकर काम कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक भी ऐसी बैठक अब तक नहीं की है जिसमें बिहार को बीमारू राज्य से बाहर निकालने की बात कर रहे हों. उन्हें बिहार के लिट्टी, लीची, क्रिकेट खिलाड़ी, चायपत्ती की केवल याद आती है.
’आरजेडी तैयार है तो हम साथ आने को तैयार'
एआईएमआईएम के प्रवक्ता ने कहा, “महागठबंधन में आरजेडी बड़ी पार्टी है. तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनना है. एआईएमआईएम ने कभी मुख्यमंत्री बनने की बात नहीं की है. हमारी मांग केवल सीमांचल को आर्थिक पैकेज और विशेष दर्जे की है. इस पर अगर आरजेडी तैयार है तो हम साथ आने को तैयार हैं.”
कई सरकारों को समर्थन देने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगर तेलंगाना में एआईएमआईएम को सम्मान दे रही है तो बिहार में भी तेजस्वी यादव को बड़ा दिल दिखाना पड़ेगा. यूपीए में हम साथ रह चुके हैं, तो फिर क्या परेशानी है? उन्होंने यह भी कहा कि जब बड़ा दिल नहीं दिखाएंगे तो दो लोग लड़ेंगे, तीसरे को लाभ होगा.
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