Pressure Politics In Mahagathbandhan: महागठबंधन में सहयोगी दलों ने सीटों को लेकर आरजेडी पर दबाव बनाना तेज कर दिया है. सीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा ने पार्टी के राज्य सचिव राम नरेश पांडेय और अन्य नेताओं ने तेजस्वी यादव से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात कर 24 सीटों की मांग रखी तो एक बार फिर पप्पू यादव ने कांग्रेस के लिए कम से कम 90 सीटों की मांग कर दी.
‘गरीब कांग्रेस के भरोसे पर ही महागठबंधन से जुड़ेंगे’
पप्पू यादव ने अपने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि “कांग्रेस को सौ सीटों को लक्ष्य बनाकर कम-से-कम 90 सीटों पर लड़ना चाहिए बिहार में दलित, अति पिछड़ा, पिछड़ा अल्पसंख्यक, महिला, युवा और सभी समाज के गरीब कांग्रेस के भरोसे पर ही महागठबंधन से जुड़ेंगे! अन्यथा उनका भरोसा नहीं जागेगा. बिहार में विपक्ष को सभी वर्ग का वोट चाहिए, तभी बदलाव होगा!”
कांग्रेस को सौ सीटों को लक्ष्य बनाकरकम-से-कम 90 सीटों पर लड़ना चाहिए बिहार में दलित,अति पिछड़ा, पिछड़ाअल्पसंख्यक, महिला, युवा और सभीसमाज के ग़रीब कांग्रेस के भरोसे पर ही महागठबंधन से जुड़ेंगे!अन्यथा उनका भरोसा नहीं जागेगा।बिहार में विपक्ष को सभी वर्ग का वोट चाहिए, तभी…
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) June 26, 2025
दरअसल पप्पू यादव ने इससे पहले भी कई बार ये कहा है कि बिहार में कांग्रेस को कम से कम 100 सीटों पर लड़ना चाहिए. हालांकि अब वो 90 सीटों की बात कर रहे हैं. इससे ये साफ जाहिर है कि महागठबंधन के सभी घटक दल सीटों पर इस बार तो सम्मानजनक फैसले पर ही मानेंगे. हालांकि चुनाव नजदीक आते-आते तस्वीर साफ हो जाएगी. किस दल को कितने पर संतोष करना होगा ये तो समय ही बताएगा.
महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फार्मूला
वैसे महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर जो बात चल रही है, उसके हिसाब से विधानसभा चुनाव में 243 विधानसभा सीटों में से महागठबंधन में आरजेडी 140, कांग्रेस 52, वाम दल 35 (इसमें सीपीआईएमएल, सीपीआई, सीपीएम शामिल हैं) और वीआईपी 15 सीटों पर लड़ सकती है. हालांकि ये अभी तय नहीं है एक अनुमान है. अगर पशुपति पारस की RLJP महागठबंधन में आते हैं तो उसे तीन चार सीटें दी जा सकती है.
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