बिहार सरकार ने बुधवार को आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की घोषणा की. नए प्रावधानों के तहत अब आशा कार्यकर्ताओं को 1,000 की जगह 3,000 प्रति माह प्रोत्साहन राशि मिलेगी. जबकि ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव 300 की जगह 600 दिए जाएंगे. इस घोषणा के तुरंत बाद नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव ने पलटवार किया है.
तेजस्वी यादव ने क्या कहा?
नीतीश कुमार की इस घोषणा पर तेजस्वी यादव ने कहा, “मैंने 17 महीने स्वास्थ्य मंत्री रहते आशा एवं ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, जो अंतिम स्टेज में थी. तब तक सरकार और मुख्यमंत्री आदतन पलटी मार गए. ये निकम्मी एनडीए सरकार उस पर भी दो साल से कुंडली मार कर बैठी रही. अब आखिरकार इन्हें आशा एवं ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की हमारी इस मांग के सामने भी झुकना ही पड़ा.”
उन्होंने कहा कि “यहां सरकार ने चालाकी करते हुए हमारी इस मांग को पूर्णरूपेण लागू नहीं किया. इनको प्रोत्साहन राशि नहीं बल्कि मानदेय मिलना चाहिए. हम इन्हें मानदेय देंगे. अब इस सरकार को आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका और रसोइयों के मानदेय में भी बढ़ोतरी करने की हमारी मांग को भी मजबूरन मानना ही पड़ेगा.”
’17 महीनों में ही बहुत कुछ किया’
तेजस्वी यादव ने कहा कि “हमने 17 महीनों में ही बहुत कुछ किया. हमारे 17 महीनों के अल्प कार्यकाल में ही हमने विकास मित्र, शिक्षा मित्र/टोला सेवक, तालीमी मरकज और पंचायती राज जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया था. हमारी मांगों, घोषणाओं, वादों, इरादों और दावों को देखकर इस नकलची, थकी-हारी, दृष्टिहीन और विजन रहित सरकार का डर देखकर अच्छा लगता है.
तेजस्वीयादव ने कहा कि ये डर अच्छा है, लेकिन 20 साल तक क्या ये मूंगफली छील रहे थे? यही सरकार, इनके नेता-मंत्री और अधिकारी जो हमारी घोषणा का मखौल उड़ाते थे, वो अब सत्ता जाते देख दौड़ रहे हैं. तेजस्वी की तरफ़ से AI जनरेटेड वीडियो भी जारी किया गया है, जिसमें लिखा है “सब कुछ तेजस्वी का ही नकल करोगे या अपनी भी अक्ल लगाओगे. ”
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