बहस चुनाव आयोग द्वारा बिहार की वोटर लिस्ट से 4.9 करोड़ नाम हटाने के कथित कदम पर केंद्रित थी, जिसमें इन लोगों को “बांग्लादेशी और घुसपैठिये” बताया गया था। कांग्रेस प्रवक्ता अभय दुबे ने चुनाव आयोग के नागरिकता तय करने के अधिकार पर सवाल उठाया और कहा कि जो अधिकारी ऐसे व्यक्तियों की पहचान उजागर नहीं करता, वह “भारत का गद्दार है।” चर्चा में पत्रकारिता के सूत्रों को लेकर एक नेता द्वारा की गई विवादास्पद “सूत्र और मूत्र” (सूत्र और मूत्र) तुलना पर भी तीखी बहस हुई। आरजेडी प्रवक्ता अनवर पाशा ने इसका बचाव करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के पिछले बयानों का हवाला देते हुए बीजेपी को भाषाई मर्यादा की बात करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने बीजेपी पर अपनी आसन्न हार के कारण बौखलाहट में नया नैरेटिव गढ़ने का आरोप लगाया। बहस में वोटर लिस्ट की शुचिता और संवैधानिक संस्थाओं की भूमिका के साथ-साथ मीडिया की कार्यप्रणाली पर भी तीखी आलोचना हुई।
Bihar Voter List Row: 4.9 करोड़ लोगों के नाम काटने के दावे पर सियासी घमासान | Bihar Election
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