Happy Birthday Karisma Kapoor And Aftab Shivdasani फिल्मों की दुनिया जितनी रंगीन होती है , वहां के रिश्ते भी उतने ही दिलचस्प होते हैं. करिश्मा कपूर और आफताब शिवदासानी का रिश्ता भी कुछ ऐसा ही है. पर्दे पर ये सितारे बिल्कुल अलग नजर आते हैं लेकिन असल जिंदगी में उनके रिश्ते की डोर बहुत गहराई से जुड़ी हुई है.जब करिश्मा कपूर ने 90 के दशक में हीरोइन बन बॉलीवुड में कदम रखा तो वहीं आफताब ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपना करियर शुरू किया. दोनों ही आर्टिस्ट का कनेक्शन फिल्म इंडस्ट्री के साथ–साथ खून का भी है. सबसे दिलचस्प बात ये है कि दोनों आज यानी 25 जून को अपना जन्मदिन मना रहे हैं.
क्या है करिश्मा कपूर और आफताब शिवदासानी के बीच रिश्ता करिश्मा? कपूर का जन्म 25 जून 1974 में मुंबई में हुआ. एक्ट्रेस रणधीर कपूर और बबिता कपूर की बेटी हैं. तो वहीं आफताब शिवदासानी का भी जन्म 25 जून 1978 को हुआ मुंबई में ही हुआ. अभिनेता के पिता प्रेम शिवदासानी सिंधी और मां पुतली शिवदासानी ईरानी हैं. करिश्मा की कपूर की मां बबिता कपूर शादी के पहले शिवदासानी घर की बेटी थीं. बबिता के पिता हरि शिवदासानी के भतीजे थे प्रेम शिवदासानी यानी आफताब के पिता. इस नाते करिश्मा कपूर को मां और आफताब की पिता चचेरे भाई बहन हैं. इस रिश्ते से आफताब शिवदासानी एक्ट्रेस के ममेरे भाई हैं.
एक नजर करिश्मा कपूर के करियर परकरिश्मा कपूर ने अपने एक्टिंग करियर के लिए पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी. उन्होंने महज 16 साल की उम्र में बॉलीवुड में अपना पहला कदम रखा. 1991 में आई फिल्म ‘प्रेम कैदी’ से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की. इसके एक साल बाद उन्होंने दिग्गज एक्टर जैकी श्रॉफ के साथ पुलिस ऑफिसर में काम किया. करिश्मा कपूर को पहचान ‘जिगर’ और ‘अनाड़ी’ जैसी फिल्मों से मिली. 1994 में ‘राजा बाबू’, ‘खुद्दार’, ‘अंदाज अपना अपना’ और ‘सुहाग’ जैसी फिल्मों में दमदार परफॉर्मेंस से उनके करियर को रफ्तार मिली. 1999 से 2000 तक उनकी पॉपुलैरिटी बिल्कुल शिखर पर थी. ‘बीवी नंबर 1’, ‘हम साथ साथ हैं’, ‘फिजा’ और ‘जुबैदा’ जैसी फिल्मों में उन्होंने भावनात्मक भूमिकाएं निभाकर ऑडिएंस से खूब तारीफें बटोरी. 90 के दशक में करिश्मा ने ‘कुली नंबर 1’, ‘साजन चले ससुराल’, ‘हीरो नंबर 1’ जैसी हिट कॉमेडी फिल्मों में गोविंदा के साथ सफल जोड़ी बनाई.1996 की ‘राजा हिंदुस्तानी’ ने उन्हें सुपरस्टार बना दिया और उन्हें पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला. 1997 की ‘दिल तो पागल है’ के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिलालेकिन साल 2003 में संजय कपूर संग शादी के बाद उन्होंने फिल्मी पर्दे से दूरी बना ली. इसके बाद 2012 में ‘डेंजरस इश्क’ से बॉलीवुड में वापसी की और 2020 में ‘मेंटलहुड’ और 2024 में ‘मर्डर मुबारक’ जैसी वेब सीरीज से उन्होंने ओटीटी में कदम रखा.
कैसा रहा आफताब शिवदासानी का फिल्मी करियर?एक्ट्रेस के ममेरे भाई आफताब शिवदासानी ने बॉलीवुड में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपने करियर की शुरुआत की. महज 14 महीने की उम्र में वो ‘फैरेक्स बेबी’ विज्ञापन में नजर आए.इसके बाद उन्होंने कई टीवी एड्स में काम किया. 1987 में उन्हें ‘मिस्टर इंडिया’, ‘शहंशाह’, ‘चालबाज’ जैसी फिल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट देखा गया. 1999 में राम गोपाल वर्मा के निर्देश में बनी फिल्म मस्त से बतौर हीरो उन्होंने डेब्यू किया. इस रोल के लिए उन्हें बेस्ट डेब्यू एक्टर के अवार्ड से नवाजा गया था. 2001 में कसूर में नेगेटिव रोल निभाकर उन्होंने ऑडिएंस के दिलों में कब्जा किया था. इसके लिए उन्हें फिल्मफेयर नॉमिनेशन भी हासिल हुआ. लगातार एक के बाद एक हिट फिल्मों का सिलसिला चलता रहा. ‘लव के लिए कुछ भी करेगा’, ‘प्यार इश्क और मोहब्बत’ और ‘क्या यही प्यार है’ जैसी फिल्मों में भी अपने अभिनय का लोहा मनवाया.2003 में हंगामा और 2004 में मस्ती जैसी फिल्मों में काम कर वो कॉमेडी स्टार बन गए. लेकिन बीच में ऐसा दौर भी आया जहां उनकी फिल्में फ्लॉप होने लगी. 2012 में हॉरर फिल्म 1920: द इविल रिटर्न्स और ग्रैंड मस्ती जैसी फिल्मों से आफताब ने जबरदस्त कमबैक किया. इसके बाद उन्हें 2012 में स्पेशल ऑप्स 1.5 में देखा गया. इसमें उनकी एक्टिंग की खूब सराहना हुई थी. मेहनत और अलग–अलग किरदार निभाकर उन्होंने बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई है.