CBI Operation Chakra: CBI ने इंटरनेशनल साइबर ठगों का किया पर्दाफाश! जापानी नागरिकों संग करते थे बड़ा स्कैम

by Carbonmedia
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CBI Operation Chakra: CBI ने ऑपरेशन चक्र के तहत 28 मई 2025 को  दिल्ली हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 19 अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की और 6 लोगों को गिरफ्तार किया. ये सभी आरोपी एक इंटरनेशनल साइबर ठगी गैंग का हिस्सा थे, जो जापान के लोगों को फर्जी tech support कॉल्स के जरिए ठगते थे.


CBI को पुख्ता जानकारी मिली थी कि कुछ लोग खुद को Microsoft जैसी बड़ी कंपनियों का tech support बताकर जापानी नागरिकों को फोन करते थे. उन्हें डराते थे कि उनके कंप्यूटर या मोबाइल में वायरस या कोई तकनीकी दिक्कत है. फिर ये लोग victims से कहकर उनके पैसे mule accounts में ट्रांसफर करवा लेते थे.



Operation Chakra V – CBI Conducts Searches at 19 Locations; Busts Transnational Cybercrime Syndicate Targeting Japanese Citizens; 6 Operatives Arrested pic.twitter.com/yl1HrQyR0k


— Central Bureau of Investigation (India) (@CBIHeadquarters) May 29, 2025


CBI ने मिलकर गैंग का किया पर्दाफाश
CBI ने इस केस की जांच के लिए जापान की National Police Agency और Microsoft कंपनी के साथ मिलकर काम किया. इसी इंटरनेशनल टीम वर्क के चलते पूरे गैंग की पहचान हो पाई और भारत में चल रहे दो फर्जी call centers को बंद करवाया गया.  CBI की रेड के दौरान बहुत सारे digital और physical सबूत मिले है, जो इस बात की पुष्टि करते है कि ये लोग बड़े लेवल पर लोगों को ठगने का काम कर रहे थे. 


CBI की शुरुआती जांच में खुलासा
CBI की शुरुआती जांच से पता चला है कि ये गैंग बहुत एडवांस तरीके से social engineering और तकनीकी चालाकी से लोगों को अपने जाल में फंसाता था. गिरफ्तार आरोपियों के नाम अशु सिंह, कपिल, रोहित मौर्य, शुभम जायसवाल, विवेक राज और आदर्श कुमार है. CBI का कहना है की जांच जारी है. इस मामले में और भी गिरफ्तारी हो सकती है.


शातिर तरीके से देते थे काम को अंजाम
CBI की रेड में जिन दो फर्जी कॉल सेंटर्स को बंद किया गया, वे पूरे गैंग का संचालन करते थे. इन कॉल सेंटर्स में जापानी भाषा में बात करने वाले स्क्रिप्टेड एजेंट काम करते थे. VPN, Spoofing और International Payment Gateways के जरिए खुद को छिपाते थे. फर्जी वेबसाइट्स और लैंडिंग पेज से वैध कंपनियों की छवि बनाते थे. इन सबका उद्देश्य जापान के भोले-भाले नागरिकों को यह विश्वास दिलाना कि वे सचमुच Microsoft या किसी सुरक्षा एजेंसी से बात कर रहे हैं.

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