CDLU के लॉ डिपार्टमेंट के चेयरपर्सन प्रो. अशोक को हटाया:महिला प्रो. से मानसिक प्रताड़ना मामला, जांच प्रभावित का आरोप, परिजन वीसी से मिले

by Carbonmedia
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सिरसा में चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी (CDLU) के लॉ डिपार्टमेंट के चेयरपर्सन प्रो. अशोक मक्कड़ पर प्रताड़ना के मामले में एक माह बाद गाज गिरी है। प्रो. अशोक मक्कड़ को लॉ डिपार्टमेंट के पद से हटा दिया गया है। अब उनकी जगह अंग्रेजी एंड फोरन लेंग्वेज से प्रो. उमेद सिंह को चेयरपर्सन का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। यह मामला चर्चाओं का विषय बना हुआ है। प्रो. अशोक मक्कड़ पर उन्हीं के लॉ डिपार्टमेट की महिला प्रोफेसर ने मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए थे। इसको लेकर एसपी सिरसा को भी शिकायत सौंपी। इसके बाद कुछ विद्यार्थी भी आगे आए। विद्यार्थियों ने चेयरमैन के खिलाफ कार्रवाई के लिए हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और वीसी प्रो. नरसी राम को शिकायत भेजी थी, जिस पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने संज्ञान लिया। इस बारे में बुधवार शाम को यूनिवर्सिटी प्रशासन से आदेश जारी हुए। इस पर पीड़ित पक्ष का भी आया है और कहा कि वह कुछ दिन पहले वीसी प्रो. विनोद कुमार से मिले थे और उस दौरान उन्होंने उचित कार्रवाई की मांग की थी। उनका आरोप था कि प्रो. अशोक मक्कड़ अपने पद पर रहते जांच को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में उनको चेयरपर्सन के पद से हटाया जाए। निष्पक्ष जांच के लिए हटाने की रखी थी मांग वीसी को दी शिकायत में कहा कि डा. रवि सीडीएलयू में पार्ट-टाइम-टीचर के पद पर कार्यरत है। उसने 14 मई को लैंगिक, मानसिक, आर्थिक एवं विभागीय उत्पीड़न के खिलाफ एवं शिकायत एसपी हिसार को भेज दी। आरोप है कि विभागाध्यक्ष के पद पर रहते हुए प्रो. अशोक पुलिस की ओर से चल रही विभागीय जांच को प्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए प्रो. अशोक को प्रभावशाली पद से हटाया जाए, ताकि निष्पक्ष जांच हो सकें। चेयरपर्सन की पूर्व में स्टूडेंट भी रही महिला प्रोफेसर, यह जानिएं विस्तार से पूरा मामला इससे पहले महिला प्रोफेसर ने खिलाफ एसपी डा. मयंक गुप्ता को शिकायत दे चुकी है। शिकायत में प्रोफेसर ने चेयरपर्सन पर जातिगत और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के आरोप लगाए और निलंबित करने की मांग की है। दरअसल प्रोफेसर भी इसी चेयरपर्सन की पूर्व में स्टूडेंट भी रही है। अभी मामला स्टूडेंट की अटेंडेंस से जुड़ा है। महिला प्रो. ने शिकायत में चेयरमैन पर अलग-अलग आरोप लगा 22 प्वाइंटों का जिक्र किया है। शिकायत में महिला प्रोफेसर ने कहा कि वह 8 माह की गर्भवती है। इसके बावजूद डिपार्टमेंट के चेयरमैन ने स्टूडेंट साहिल पर बेवजह अटेंडेंस रजिस्टर जमा करवाने के लिए उसे यूनिवर्सिटी बुलाने का दबाव बनाया गया। जब वह यूनिवर्सिटी में आई, तो चेयरमैन ने उसे बैठने के लिए भी कुर्सी नहीं दी और उसे बेइज्जत किया। उसी दौरान उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसके पति ने उसे अस्पताल में पहुंचाया। फिलहाल, महिला प्रोफेसर की हालत स्थिर है। उसने मैटरनिटी लीव के लिए चेयरमैन को एप्लिकेशन दी थी, पर उसे स्वीकार नहीं किया। ज्वॉइनिंग के समय से परेशान किया जा रहा महिला प्रोफेसर का आरोप है कि चेयरमैन उसे ज्वॉइनिंग के समय से ही परेशान करता रहा है। वहीं विभागीय अध्यक्ष का कहना था कि ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं। अध्यक्ष पद से उसे हटाने के लिए यह सब किया जा रहा है।

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