Chanakya Niti: मान लें चाणक्य की ये बातें, आखिरी सांस तक निभेगी दोस्ती

by Carbonmedia
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दोस्ती भावनाओं में बंधा संसार का सबसे खूबसूरत रिश्ता है. यह ऐसा रिश्ता है जो रक्त से परे होकर भी कभी-कभी अपनों से भी ज्यादा जुड़ाव वाला बन जाता है. दोस्ती विश्वास, समझ, सम्मान और साथ का नाम है. इस रिश्ते में कोई शर्त और स्वार्थ नहीं होता है.
दोस्ती के इसी खूबसूरत रिश्ते को सेलिब्रेट करने के लिए हर साल अगस्त महीने के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे (Friendship Day 2025) या मित्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है. जीवन में दोस्त का होना बहुत जरूरी है. लेकिन आज के आधुनिक दौर में कृष्ण सुदामा जैसी दोस्ती कहां देखने को मिलती है. यदि आप चाणक्य की नीतियों को अपनाएंगे तो आपकी दोस्ती जीवनभर निभ सकती है.
आचार्य चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य भी कहा जाता है एक महान राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और चिंतक थे. राजनीति और प्रशासन से लेकर चाणक्य ने रिश्तों को लेकर भी गहरी बातें बताई हैं. आइये जानते हैं दोस्ती (Dost) को लेकर चाणक्य क्या कहते हैं.
ऐसे दोस्तों से जीवनभर निभती है दोस्ती (Chanakya Niti for Friendship)
सच्चे दोस्त की पहचान- दोस्त बनाने से पहले सच्चे दोस्त की पहचान करना जरूरी है. ऐसे दोस्त बनाएं जो ना सिर्फ आपके सुख बल्कि आपके दुख और मुश्किल घड़ी में भी आपका साथ निभाएं. जिसके साथ आप खिलखिला कर हंस सके और जिसके सामने आप अपना दुख जाहिर कर रो भी सके.
ऐसे दोस्तों से दूरी बनाएं- स्वार्थी दोस्तों से दूर रहें. ऐसे लोग जो मतलब के लिए आपसे दोस्ती करते हैं और काम तक ही आपके साथ रहते हैं, ऐसे दोस्त कतई भरोसे के लायक नहीं होते. इनसे आपकी दोस्ती बहुत लंबे समय तक चल ही नहीं सकती. इसलिए इस तरह के स्वार्थी दोस्तों से दूर रहना ही बेहतर है.
बुरे वक्त में जो बन जाए ढाल- सच्चे और अच्छे दोस्त की परीक्षा हमेशा बुरे वक्त में ही होती है. जो दोस्त बुरे समय में आपके साथ ढाल की तरह खड़े रहे, उनका साथ कभी न छोड़ें. क्योंकि कठिन समय में भी जो आपके साथ खड़ा है वही आपका सबसे अच्छा दोस्त बन सकता है.
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q. चाणक्य के अनुसार सच्चा दोस्त कौन?
A. सच्चा दोसत वही है तो संकट की घड़ी में आपके साथ खड़ा रहे.
Q.अगस्त के अलावा और कब मनाते हैं फ्रेंडशिप डे?
A. अगस्त के अलावा 30 जुलाई को भी फ्रेंडशिप डे मनाय जाता है.
Q. सच्ची दोस्ती कब टूट जाती है?
A. स्वार्थ, छल, धोखा, झूठ और विश्वासघात के कारण सच्ची दोस्ती टूट जाती है.
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