Chhattisgarh: 6 साल की बेटी का जन्मदिन मनाने ससुराल जाने वाले थे ASP आकाश राव, नक्सली हमले में हुए शहीद

by Carbonmedia
()

Chhattisgarh Naxal Attack News: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सोमवार (9 जून) को नक्सलियों के लगाए गए प्रेशर बम विस्फोट में जान गंवाने वाले अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) आकाश राव गिरपुंजे ने 11 जून को अपनी 6 साल की बेटी का जन्मदिन मनाने के लिए अपने ससुराल जाने की योजना बनाई थी. 
एक रिश्तेदार ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी से वादा किया था कि चाहे कुछ भी हो जाए वह वहां रहेंगे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. सुकमा जिले के कोंटा इलाके में नक्सलियों के लगाए गए प्रेशर बम में हुए विस्फोट में आकाश राव गिरपुंजे और 2 अन्य पुलिस अधिकारी घायल हो गए. बाद में आकाश राव गिरपुंजे ने कोंटा के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया.
पूरे विभाग में ऐसे व्यक्ति थे जो कभी पीछे नहीं हटते थे- आदर्श गिरपुंजे
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के निवासी 42 साल के आकाश राव गिरपुंजे पिछले साल मार्च से सुकमा में ASP (कोंटा क्षेत्र) के पद पर कार्यरत थे. ASP गिरपुंजे के छोटे भाई आदर्श गिरपुंजे ने बताया, ‘‘भैया पूरे विभाग में एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जाने जाते थे जो कभी पीछे नहीं हटते थे, चाहे कितना भी बड़ा खतरा क्यों न हो.’’
सोमवार सुबह करीब 9:30 बजे यहां मौजूद आदर्श को उनके भाई के गनमैन (सुरक्षा कर्मचारी) का फोन आया जिसने उन्होंने बम विस्फोट में आकाश राव के घायल होने की सूचना दी. तब तक आदर्श को यह एहसास नहीं था कि उसके भाई की चोटें जानलेवा होने वाली हैं. करीब 10 बजे फिर से गनमैन का फोन आया जिसने बताया कि सर (ASP) नहीं रहे और 2 अन्य अधिकारी घायल हो गए हैं. 
घटना के समय पत्नी स्नेहा अपने 2 बच्चों के साथ गई थीं मायके
आदर्श ने बताया, इस खबर से वह सदमे में आ गए लेकिन किसी तरह उन्होंने हिम्मत जुटाकर परिवार के अन्य सदस्यों को इस बारे में बताया. ASP की पत्नी स्नेहा अपने 2 बच्चों के साथ उनकी गर्मी की छुट्टियां बिताने पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के भंडारा इलाके में अपने मायके गई थीं. घटना की जानकारी मिलने के बाद उन्हें रायपुर लाया गया.
आदर्श ने कहा, ‘‘मैंने भैया से आखिरी बार रविवार रात बात की थी. तब उन्होंने कहा था कि वह 11 जून को अपनी बेटी के जन्मदिन के जश्न के लिए भंडारा के पौनी गांव जा रहे हैं. वह 20 मई को अपने बेटे का जन्मदिन मनाने के लिए सिर्फ एक दिन के लिए रायपुर में घर आए थे. हमने कभी नहीं सोचा था कि यह आखिरी बार होगा जब हम उन्हें जीवित देखेंगे.’’
बड़ी संख्या में लोग शहीद अधिकारी के घर पहुंचे
आदर्श ने कहा कि उन्हें अपने भाई पर गर्व है. उन्होंने कहा, ‘‘नक्सलियों से लड़ना सिर्फ एक नौकरी नहीं है, यह धैर्य, रणनीति और अस्तित्व की परीक्षा थी. आकाश भैया खतरों को जानते थे, लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर क्षेत्र में 3 साल तक सेवा की, जो गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) के साथ सीमा साझा करता है. वह कभी पीछे नहीं हटे और हर चुनौती का सामना किया.
घटना के बाद आकाश राव गिरपुंजे का पार्थिव शरीर रायपुर लाया गया और पोस्टमार्टम के लिए यहां डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल ले जाया गया. बाद में, पार्थिव शरीर को राजधानी के कुशालपुर इलाके में उनके घर ले जाया गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद बड़ी संख्या में लोग शहीद अधिकारी के घर संवेदना व्यक्त करने पहुंचे थे.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय गिरपुंजे के घर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांलि दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और नक्सलियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. साय ने शहीद के शोकाकुल परिवार से मुलाकात की और उनके प्रति संवेदना व्यक्त की.
मुख्यमंत्री ने परिवार से कहा, गिरपुंजे जी ने अदम्य साहस, निष्ठा और कर्तव्य के प्रति समर्पण का परिचय देते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया  है. हमें उन पर गर्व है. दुख की इस घड़ी में सरकार उनके परिवार के साथ है.
मुख्यमंत्री ने की उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता
अधिकारियों ने बताया कि माओवादी घटना के बाद साय ने सोमवार को राजनांदगांव का अपना प्रस्तावित दौरा स्थगित कर दिया और घटना का जायजा लेने तथा नक्सल विरोधी अभियानों की समीक्षा के लिए मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की.
अधिकारियों ने उन्होंने बताया कि बैठक में राज्य के गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. उन्होंने बताया कि विस्फोट की घटना में घायल हुए 2 पुलिस अधिकारियों की स्थिति का जायजा लेने के लिए साय यहां एक निजी अस्पताल भी गए.

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment