हरियाणा के जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं लोकनिर्माण मंत्री रणबीर गंगवा ने चंडीगढ़ स्थित सचिवालय में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों के साथ रिव्यू मीटिंग की। मीटिंग का एजेंडा प्रदेश में चल रही विकास योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना, वर्क क्वालिटी और जनता से जुड़े मुद्दों का प्रभावी समाधान निकालना रहा। मीटिंग में अमृत योजना के तहत चल रहे कार्यों की जिलावार समीक्षा की गई। कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा ने कहा कि अमृत योजना के तहत जो भी प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं, उनकी निगरानी में कोई ढिलाई न बरती जाए। उन्होंने कहा कि यह योजना शहरी बुनियादी ढांचे के सुधार और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए है, इसलिए इसमें देरी या कम गुणवत्ता का कार्य स्वीकार नहीं किया जाएगा। जनप्रतिनिधियों के फोन उठाना जरूरी गंगवा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जनप्रतिनिधियों द्वारा किए गए फोन कॉल्स को अनदेखा न करें। उन्होंने कहा कि “जनप्रतिनिधि जनता की समस्याएं लेकर आते हैं और जनता को उम्मीद रहती है कि अधिकारी समाधान करें। फोन उठाना केवल औपचारिकता नहीं, यह आपके दायित्व का हिस्सा है।” उन्होंने कहा कि सरपंच, एमसी से लेकर दूसरे जनप्रतिनिधियों की बात को प्राथमिकता के आधार पर सुने और उनका हल करें, क्योंकि मोहल्ला अथवा गांव की समस्या सबसे पहले इनके पास आती है। ऐसे में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं और समस्या का हल करें। सीएम घोषणाओं पर तेजी से काम के निर्देश मीटिंग में मुख्यमंत्री घोषणाओं के क्रियान्वयन को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई। मंत्री गंगवा ने अधिकारियों से कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाएं जनता से किए गए वादे हैं, और उनका समय पर पूरा होना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि यदि किसी प्रोजेक्ट में देरी हो रही है, तो उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए और तत्काल प्रभाव से उसमें गति लाई जाए। सस्ते टेंडर पर वॉर्निंग दी मंत्री रणबीर गंगवा ने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि “अगर कोई ठेकेदार कम रेट पर टेंडर भरता है, तो इसका यह मतलब नहीं कि वह घटिया सामग्री इस्तेमाल करे। हमें अच्छा काम चाहिए। काम की मजबूती और गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी परियोजना में इस्तेमाल हो रहे मैटेरियल की गुणवत्ता की नियमित जांच की जाए। इसके लिए समय समय पर सैम्पल लेने की प्रक्रिया को अमल में लाया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि जहां निर्माण कार्य चल रहा हो, वहां जेई खास नज़र रखे। सीमेंट, सरिया और दूसरी सामग्री उच्च क्वालिटी की होनी चाहिए। बारिश के पानी की निकासी की जिला वार समीक्षा मंत्री ने प्रदेश में हालिया बारिश के बाद पानी निकासी की स्थिति का भी ज़िला-वार विवरण मांगा। अधिकारियों ने बताया कि किन जिलों में कितनी बारिश हुई, और कितनी देर में पानी की निकासी हो सकी। रणबीर गंगवा ने कहा कि “जल निकासी की प्रक्रिया को और तेज किया जाए, ताकि भविष्य में जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो। संबंधित विभागों में बेहतर तालमेल बनाकर काम किया जाए।” इस दौरान भिवानी, लोहारू, सिवानी, आदमपुर, महेंद्रगढ़, कलानौर, सांपला, महम, रानियां, कालांवाली, डबवाली में बारिश के पानी की निकासी में लगे वक्त को लेकर भी रिपोर्ट ली। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि प्रदेश में निकासी और पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए। 5 हजार करोड़ से अधिक के चल रहे कार्य मीटिंग में यह भी जानकारी दी गई कि इस समय प्रदेशभर में 50 से ज्यादा प्रोजेक्ट चल रहे है। इन पर कुल 5 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई है, जिनमें कई कार्य सीएम अनाउंसमेंट से जुड़े हैं। इसके अलावा 297 करोड़ के 19 प्रोजेक्ट्स स्ट्रोम वॉटर के चल रहे हैं। कैबिनेट मंत्री श्री रणबीर गंगवा ने कहा कि इन कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग हो और समयसीमा के भीतर इन्हें पूरा किया जाए। एमरजेंसी वर्क के लिए SOP लागू करने के निर्देश जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर गंगवा ने प्रदेश में जनस्वास्थ्य विभाग के होने वाले आपातकालीन कार्यों के लिए भी चर्चा की। इस पर अधिकारियों ने बताया कि विभाग की तरफ से स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) को बनाया गया है। गंगवा ने इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए, उन्होंने कहा कि एसओपी को हर जिले में भेजा जाएगा ताकि किसी भी आपदा, बारिश, सीवर ब्लॉकेज या अन्य स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके। इससे कार्य कुशलता बढ़ेगी और विभाग की तत्परता बनी रहेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि नियमों के खिलाफ जाकर कार्य करने वालों पर सख्त एक्शन लिया जाए। भ्रष्टाचार किसी कीमत पर सहन नहीं होगा।
CM सैनी के कैबिनेट मंत्री की अधिकारियों को हिदायत:रिव्यू मीटिंग में बोले- जनप्रतिनिधियों के फोन उठाएं; सरपंच, MC को प्राथमिकता आधार पर सुने
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