उत्तराखंड के पर्यटक स्थल लगातार बढ़ते ट्रैफिक के कारण लोगों के लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं. मसूरी में तो एक बुजुर्ग की ट्रैफिक के चलते मौत हो गई थी. अब इसको मानव अधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है.
बता दें कि उत्तराखंड के कई पर्यटक स्थल हैं, जहां लगातार ट्रैफिक की समस्या बढ़ती जा रही है. चाहे मसूरी हो या फिर नैनीताल या फिर रामनगर, इन जगहों पर सिंगल रोड होने के चलते ट्रैफिक की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है क्योंकि यहां पर जो सड़क है, वह इतनी संकीर्ण है कि लोग हमेशा ही फंस जाते हैं. ऐसे में बढ़ते ट्रैफिक का दबाव यह सड़क नहीं झेल पा रहीं.
मसूरी में एक पर्यटक की मौत का उठाया गया था मामला अब इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने यातायात प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा कि उत्तराखंड में ट्रैफिक जाम की समस्या विकराल रूप ले चुकी है, अधिवक्ता मो. आशिक ने आयोग को शिकायत पत्र भेजा था, जिसमें ट्रैफिक जाम के कारण मसूरी में एक पर्यटक की मौत का मामला उठाया गया था.
मानवाधिकार उल्लंघन ने माना है गंभीर मामला मसूरी में एक 62 वर्ष के बुजुर्ग पर्यटक कमल किशोर की ट्रैफिक जाम के कारण मौत के मामले पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने खुद ही संज्ञान लिया है, आयोग ने इस घटना को मानवाधिकार उल्लंघन का गंभीर मामला माना है. इस संबंध में प्रमुख सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक को दो सितंबर तक आख्या पेश करने को कहा गया है.
ट्रैफिक प्रबंधन पर फिर से खड़े कर दिए है गंभीर सवाल वहीं आयोग ने कहा है कि सात जून को प्रकाशित खबरों के अनुसार, दिल्ली से मसूरी घूमने आए कमल किशोर की अचानक तबीयत बिगड़ी थी, उनके परिजनों ने तत्काल एंबुलेंस बुलाई, लेकिन देहरादून से मसूरी तक लगे भीषण जाम के कारण एंबुलेंस समय पर उन तक नहीं पहुंच सकी.
परिजनों ने किसी तरह एक अन्य वाहन का प्रबंध किया, परंतु उससे भी लगभग 45 मिनट तक जाम में फंसे रहे और जब तक बुजुर्ग को अस्पताल पहुंचाया जा सका, बहुत देर हो चुकी थी, उन्होंने दम तोड़ दिया था. इस घटना ने पर्यटकों के लिए उपलब्ध चिकित्सा सेवाओं और ट्रैफिक प्रबंधन पर फिर से गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
‘भविष्य में और दुष्परिणाम आएंगे सामने’इस संबंध में अधिवक्ता मो. आशिक ने आयोग को शिकायत पत्र भेजा, जिसमें समाचार पत्रों के हवाले से बताया कि मृतक के परिजनों ने पर्यटकों के लिए चिकित्सा व्यवस्थाओं को सही ढंग से सुचारू न किए जाने पर शासन-प्रशासन के खिलाफ रोष जताया है. अधिवक्ता ने कहा यदि अभी भी मसूरी के जाम का हल नहीं निकला तो भविष्य में और दुष्परिणाम सामने आएंगे.
अपने आदेश पत्र में आयोग के सदस्य गिरधर सिंह धर्मशक्तू ने टिप्पणी की है कि उत्तराखंड में अब ट्रैफिक जाम की समस्या विकराल रूप ले चुकी है. इससे पर्यटक एवं तीर्थ यात्रियों के अलावा स्थानीय नागरिक अत्यधिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं. वर्षों से चली आ रही समस्या का अभी तक कोई निदान नहीं किया जाना अत्यंत चिंता का विषय है. उन्होंने कहा है कि यह प्रकरण एक आम व्यक्ति के मानवाधिकारों के उल्लंघन की परिधि में आता है.
Dehradun News: उत्तराखंड में ट्रैफिक जाम से मौत, मानवाधिकार आयोग ने सरकार से मांगा जवाब
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