Delhi: अस्पताल परियोजनाओं में भ्रष्टाचार के आरोपों पर AAP का पलटवार, ‘बुलेट ट्रेन में तो 10 साल से ज्यादा…’

by Carbonmedia
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Delhi News: दिल्ली के दो पूर्व स्वास्थ्य मंत्रियों सत्येंद्र जैन और सौरभ भारद्वाज की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अस्पताल परियोजनाओं में देरी से जुड़े कथित घोटाले को लेकर दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत ACB जांच को मंजूरी दे दी है. राजनिवास के अधिकारियों ने मंगलवार (24 जून) को जानकारी दी कि दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना की 6 मई को की गई सिफारिश के बाद यह अनुमति दी गई.
शिकायत पिछले साल अगस्त में BJP विधायक विजेंद्र गुप्ता द्वारा की गई थी, जिसमें 2018-19 में मंजूर 5590 करोड़ रुपये की 24 अस्पताल परियोजनाओं में भारी देरी और लागत में वृद्धि को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे.
क्या है मामला?शिकायत के अनुसार, साल 2021 में 7 ICU अस्पतालों को 1125 करोड़ रुपये की लागत से 6 महीने में तैयार करने का लक्ष्य था, लेकिन 3 साल बीत जाने के बावजूद केवल 50 प्रतिशत कार्य ही 800 करोड़ रुपये खर्च करके हो पाया है. विजेंद्र गुप्ता ने दावा किया कि यह देरी और खर्च में वृद्धि बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का संकेत देती है.
इसके आधार पर ACB ने पाया कि परियोजनाओं में जानबूझकर देरी की गई, लागत प्रभावी समाधान नजरअंदाज किए गए, फंड का गलत तरीके से आवंटन हुआ और कई अनुपयोगी परिसंपत्तियां बनाई गईं. लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इन मामलों की गहराई से जांच की सिफारिश की थी.
जांच के बहाने बदले की राजनीति- AAPइन आरोपों पर आम आदमी पार्टी की ओर से तीखी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी की ओर से कहा गया कि यह स्पष्ट रूप से बदले की राजनीति है और केंद्र सरकार तथा उपराज्यपाल की साजिश है ताकि दिल्ली की निर्वाचित सरकार को बदनाम किया जा सके.
AAP की ओर से कहा गया कि अस्पताल परियोजनाओं में देरी जैसी व्यवस्थागत समस्याओं को भ्रष्टाचार का नाम देकर एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. पार्टी ने सवाल किया कि केंद्र सरकार की खुद की परियोजनाएं सालों की देरी और भारी लागत में वृद्धि से जूझ रही हैं, तो उनके खिलाफ कोई CBI जांच क्यों नहीं होती?
पार्टी ने कहा कि केंद्र सरकार की 53 प्रतिशत बुनियादी ढांचा परियोजनाएं 3 साल से ज्यादा की देरी झेल रही हैं और बुलेट ट्रेन परियोजना को 10 साल से ज्यादा का समय हो चुका है, फिर उन पर भ्रष्टाचार के आरोप क्यों नहीं लगते?
उन्होंने सत्येंद्र जैन के खिलाफ जांच को ‘बेतुका’ बताते हुए कहा कि उनका इन परियोजनाओं से कोई लेना-देना नहीं रहा है. पार्टी ने यह भी दावा किया कि इन कार्यों से जुड़े अधिकारी सीधे उपराज्यपाल को रिपोर्ट करते हैं, ऐसे में मंत्रियों को दोषी ठहराना पूरी तरह तर्कहीन है.
हर हफ्ते दर्जनों केंद्रीय मंत्रियों पर होनी चाहिए CBI कार्रवाई- AAPपार्टी ने तीखा हमला करते हुए कहा, ‘‘अगर देरी को ही भ्रष्टाचार कहा जाए तो केंद्र सरकार के कई मंत्री हर हफ्ते CBI कार्रवाई के दायरे में आएंगे.’’ पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि यह सब एक सोची-समझी रणनीति के तहत हो रहा है ताकि आम आदमी पार्टी की छवि खराब की जा सके और आने वाले चुनावों में उसे कमजोर किया जाए.
पार्टी ने दिल्ली की जनता को भरोसा दिलाया कि उनके चुने हुए प्रतिनिधि ईमानदारी से काम कर रहे हैं और सच्चाई जल्द सामने आएगी.

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