Delhi: दिल्ली पुलिस ने फरार ठग को 10 साल बाद गोवा से किया गिरफ्तार, इन लोगों को बनाता था निशाना

by Carbonmedia
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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच में एक ऐसे शातिर ठग को गिरफ्तार किया है, जो पिछले 10 सालों से फरार चल रहा था और कई राज्यों की पुलिस को चकमा दे रहा था. आरोपी कोर्ट से प्रोक्लेम ऑफेंडर घोषित किया जा चुका था.
पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी का नाम ज्ञानेश्वर कौशिक उर्फ ज्ञान है. यह मूल रूप से खजूरी खास, दिल्ली का रहने वाला है, लेकिन फरार होने के दौरान यह गोवा में नकली नाम अनिल जायसवाल से रह रहा था.
फर्जी निवेश के नाम पर लोगों को फंसाता था आरोपी
दिल्ली पुलिस के मुताबिक आरोपी ने अपनी शुरुआत एक टेलीकॉलर के रूप में बीमा बेचने से की थी. धीरे-धीरे उसने नकली निवेश योजनाएं और फर्जी इंश्योरेंस पॉलिसी बनाकर लोगों को फसाना शुरू किया. उसने एक कंपनी भी रजिस्टर करवाई थी, जो केवल ठगी के लिए बनाई गई थी.
पुलिस के मुताबिक आरोपी और उसके साथियों ने देशभर में दर्जनों लोगों को फर्जी निवेश स्कीम का झांसा देकर लाखों रुपए ठगे. द्वारका में रहने वाली एक महिला को भी उसने निवेश के नाम पर एक लाख रुपए से अधिक का चूना लगाया था.
दिल्ली पुलिस ने रणनीति के तहत की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस को एक टिप मिली थी कि आरोपी ज्ञानेश्वर कौशिक गोवा में छिपा हुआ है. इस टिप पर एक स्पेशल टीम बनाई गई. पुलिस की टीम ने गोवा में दो दिनों तक खुफिया निगरानी रखी और आखिरकार आरोपी को पोर्वोरिम, नॉर्थ गोवा के एक फ्लैट से गिरफ्तार कर लिया. वह यहां बदल नाम से रहकर पुलिस से बच रहा था.
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि उसने अपने शुरुआती दिनों में बीमा पॉलिसियों के नाम पर लोगों को ठगा और बाद में फर्जी कॉल सेंटर खोलकर ठगी का बड़ा जाल बना लिया. उसने देशभर में कई राज्यों में लोगों को शिकार बनाया. उसके खिलाफ दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में मामले दर्ज हैं.
आरोपी का आपराधिक इतिहास
दिल्ली पुलिस के मुताबिक ज्ञानेश्वर कौशिक दिल्ली के खजूरी खास इलाके का रहने वाला है. उसके पिता दिल्ली यूनिवर्सिटी में लाइब्रेरियन थे. पढ़ाई पूरी करने के बाद वह कॉल सेंटर में नौकरी करने लगा और वहीं से उसने ठगी के गुर सीखे. धीरे-धीरे उसने फर्जी स्कीमें और कॉल सेंटर का इस्तेमाल कर ठगी को अपना पेशा बना लिया.
साल 2016 में भी उसे दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था, लेकिन जमानत मिलने के बाद वह दोबारा ठगी की राह पर चल पड़ा. 2014 से दर्ज एक मामले में वह फरार चल रहा था, और अदालत ने उसे 2023 में प्रोक्लेम ऑफेंडर घोषित किया था.
पुलिस की जांच जारी 
दिल्ली पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी की सूचना उन सभी राज्यों को भेज दी है, जहाँ वह ठगी के मामलों में वांटेड है. पुलिस अब यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि फरार रहने के दौरान उसने किन-किन लोगों को और चूना लगाया है.

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